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राज्यसभा उपचुनाव से पहले BJP को मिली बड़ी जीत, रवनीत बिट्टू, उपेंद्र कुशवाहा और मनन मिश्रा निर्विरोध चुने गए

असम, बिहार और महाराष्ट्र की दो-दो सीट, हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, त्रिपुरा, तेलंगाना और ओडिशा की एक-एक सीट पर उपचुनाव होने वाले हैं.

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Mohit Saxena
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राज्यसभा उपचुनाव

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नौ राज्यों की 12 सीटों पर उपचुनाव होने से पहले ही भाजपा को बड़ी बढ़त मिल गई है. बीजेपी के  3 उम्मीदवार निर्विरोध चुने जा चुके हैं. इनमें राजस्थान से रवनीत सिंह बिट्टू, बिहार से उपेंद्र कुशवाहा और मनन कुमार मिश्रा शामिल किए गए हैं. तीनों उम्मीदवारों को जीत का सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया है. बिहार में जीतने के बाद दोनों उम्मीदवारों ने सीएम नीतीश कुमार से शिष्टाचार मुलाकात की. आपको बता दें कि असम, बिहार और महाराष्ट्र की दो-दो सीट, हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, त्रिपुरा, तेलंगाना और ओडिशा की एक-एक सीट पर उपचुनाव होने वाले हैं. 

कार्यकाल वर्ष 2025 से 2028 के बीच है

राज्यसभा का ये उपचुनाव असम में कामाख्या प्रसाद ताशा और सर्वानंद सोनोवाल, बिहार में मीसा भारती और विवेक ठाकुर, हरियाणा के दीपेंद्र हुड्डा, मध्य प्रदेश के ज्योतिरादित्य माधवराव सिंधिया, महाराष्ट्र से छत्रपति उदयन राजे भोसले, पीयूष वेदप्रकाश गोयल, राजस्थान से केसी वेणुगोपाल और त्रिपुरा से बिप्लब देव के लोकसभा सदस्य चुने जाने और तेलंगाना के केशव राव व ओडिशा की ममता मोहंता के इस्तीफे से खाली हो गई है. नए चुनाव के बाद चुने जाने वाले सदस्य निवर्तमान सदस्यों के बाकी बचे कार्यकाल के लिए होंगे. ये कार्यकाल वर्ष 2025 से 2028 के बीच है.

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नामांकन पत्र दाखिल करने की आखिरी तिथि

आपको बता दें कि चुनाव आयोग ने इस माह राज्यसभा उपचुनाव को लेकर अधिसूचना को जारी किया था. इसमें नामांकन पत्र दाखिल करने की आखिरी तिथि 21 अगस्त तय की थी. वहीं नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख 27 अगस्त रखी गई. वोटिंग तीन सितंबर को संबंधित राज्यों की विधानसभाओं में सुबह नौ बजे से चार बजे होनी है. उसी दिन शाम को पांच बजे से मतगणना शुरू होगी. रात तक परिणाम सामने आ जाएंगे. 

नौ राज्यों की 12 सीटों पर उपचुनाव होने से पहले ही भाजपा को बड़ी बढ़त मिल गई है. बीजेपी के 3 उम्मीदवार निर्विरोध चुने जा चुके हैं. इनमें राजस्थान से रवनीत सिंह बिट्टू, बिहार से उपेंद्र कुशवाहा और मनन कुमार मिश्रा शामिल किए गए हैं. तीनों उम्मीदवारों को जीत का सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया है. बिहार में जीतने के बाद दोनों उम्मीदवारों ने सीएम नीतीश कुमार से शिष्टाचार मुलाकात की. आपको बता दें कि असम, बिहार और महाराष्ट्र की दो-दो सीट, हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, त्रिपुरा, तेलंगाना और ओडिशा की एक-एक सीट पर उपचुनाव होने वाले हैं. 

राज्यसभा का ये उपचुनाव असम में कामाख्या प्रसाद ताशा और सर्वानंद सोनोवाल, बिहार में मीसा भारती और विवेक ठाकुर, हरियाणा के दीपेंद्र हुड्डा, मध्य प्रदेश के ज्योतिरादित्य माधवराव सिंधिया, महाराष्ट्र से छत्रपति उदयन राजे भोसले, पीयूष वेदप्रकाश गोयल, राजस्थान से केसी वेणुगोपाल और त्रिपुरा से बिप्लब देव के लोकसभा सदस्य चुने जाने और तेलंगाना के केशव राव व ओडिशा की ममता मोहंता के इस्तीफे  से खाली हो गई है. नए चुनाव के बाद चुने जाने सदस्य निवर्तमान सदस्यों के बाकी बचे कार्यकाल के लिए होंगे. ये कार्यकाल वर्ष 2025 से 2028 के बीच है.

आपको बता दें कि चुनाव आयोग ने इस माह राज्यसभा उपचुनाव को लेकर अधिसूचना को जारी किया था. इसमें नामांकन पत्र दाखिल करने की आखिरी तिथि 21 अगस्त तय की थी. वहीं नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख 27 अगस्त रखी गई थी. वोटिंग तीन सितंबर को संबंधित राज्यों की विधानसभाओं में सुबह नौ बजे से चार बजे होनी है. उसी दिन शाम को पांच बजे से मतगणना शुरू होगी. रात तक परिणाम सामने आ जाएंगे. 

आइए जानते हैं निर्विरोध चुने गए उम्मीदवार के बारे में  

रवनीत सिंह बिट्टू: रवनीत सिंह बिट्टू (48) लोकसभा चुनाव में लुधियाना से चुनाव हार चुके हैं. इसके बाद भी वे मोदी कैबिनेट 3.0 में केंद्रीय मंत्री बने. वे तीन बार कांग्रेस सांसद भी रह चुके हैं. नवनीत सिंह बिट्टू पहली बार 2009 में आनंदपुर साहिब से लोकसभा के लिए चुने जा चुके हैं. बाद में वे 2014 और 2019 में लुधियाना से जीते. वर्ष 2007 में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात के बाद बिट्टू दोबारा राजनीति में आ गए. 2008 में वे 33 साल की उम्र में पंजाब युवा कांग्रेस प्रभारी के रूप में नियुक्त हुए. 

उपेंद्र कुशवाहा: उपेंद्र कुशवाहा को लोकसभा चुनावों में बिहार की काराकाट सीट पर हार का सामना करना पड़ा. उन्होंने एनडीए की ओर से काराकाट सीट से आरएलएम के टिकट पर चुनाव लड़ा. कुशवाहा बिहार के बड़े नेता रहे हैं. वे बिहार विधान परिषद के सदस्य रह चुके हैं. वे लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य भी रहे. वे केंद्र भी रहे. उपेंद्र कुशवाहा का राजनीति में पदापर्ण 1985 में हुआ. वे 1985 से 1988 तक युवा लोकदल के राज्य महासचिव रहे. 1988 से 1993 तक राष्ट्रीय महासचिव भी बने. 

मनन कुमार मिश्रा: बिहार के गोपालगंज जिले के कुचायकोट प्रखंड के तिवारी खरेया गांव के मूल निवासी रहे हैं मनन कुमार मिश्रा. मनन कुमार मिश्रा अप्रैल 2012 से लगातार बार काउंसिल ऑफ  इंडिया का चुनाव जीते हैं. मनन कुमार मिश्रा सात बार बीसीआई अध्यक्ष रहे हैं. उन्हें भाजपा ने बिहार  से राज्यसभा भेजने का निर्णय लिया. वे सुप्रीम कोर्ट में वकालत भी करते हैं. 

Upendra Kushwaha Rajya sabha by election manan mishra
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