मंगलवार को जारी लोकसभा अधिसूचना के अनुसार, भाजपा के वरिष्ठ लोकसभा सदस्य जगदंबिका पाल को संसद की संयुक्त समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है, जो विवादास्पद वक्फ (संशोधन) विधेयक की जांच करेगा. आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया है कि स्पीकर ओम बिरला ने पाल को 31 सदस्यीय समिति का प्रमुख नामित किया है. लोकसभा में इसके प्रावधानों को लेकर विपक्ष के विरोध के बाद सरकार ने इस विधेयक को दोनों सदनों की संयुक्त समिति के पास भेजने का फैसला किया.
वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक 2024 को लेकर जेपीसी का गठन किया गया है. भाजपा के वरिष्ठ लोकसभा सदस्य जगदंबिका पाल विवादास्पद वक्फ (संशोधन) विधेयक की जांच को लेकर बनी संसद की संयुक्त समिति के प्रमुख हैं. इस पैनल में 31 सदस्य हैं. पैनल में जो सदस्य हैं वह 21 लोकसभा से और 10 राज्यसभा से बताए जा रहे हैं. इस कमेटी को अगले सत्र में अपनी रिपोर्ट को सौंपना होगा. अधिकारियों के अनुसार, पाल को अध्यक्ष नामित करने की सूचना जल्द जारी होगी.
निचले सदन से समिति से 21 सदस्य
निचले सदन से समिति से 21 सदस्य हैं. जगदंबिका पाल, निशिकांत दुबे, तेजस्वी सूर्या, अपराजिता सारंगी, संजय जयसवाल, दिलीप सैकिया, अभिजीत गंगोपाध्याय, डी के अरुणा, गौरव गोगोई, इमरान मसूद, मोहम्मद जावेद, मोहिब्बुल्लाह, कल्याण बनर्जी, ए राजा, लावु श्री कृष्ण देवरायलु, दिलेश्वर कामैत, अरविंद सामंत, महत्रे बाल्या मामा सुरेश गोपीनाथ, नरेश गणपत म्हस्के, अरुण भारती और असदुद्दीन ओवैसी.
बृज लाल, मेधा विश्राम कुलकर्णी, गुलाम अली, राधा मोहन दास अग्रवाल, सैयद नसीर हुसैन, मोहम्मद नदीमुल हक, वाई विजयसल रेड्डी, एम मोहम्मद अब्दुल्ला, संजय सिंह और धर्मस्थल वीरेंद्र हेगड़े राज्यसभा से समिति के सदस्य हैं.
सदन विधेयक को लेकर जता चुका है आपत्ति
आपको बता दें कि 8 अगस्त को अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री किरेन रिजिजू ने वक्फ अधिनियम संशोधन विधेयक 2024 बीते गुरुवार को लोकसभा में पेश किया. विपक्ष ने बिल पर आपत्ति दर्ज कराई. इसके बाद अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री किरेन रिजिजू ने इसे संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजने का प्रस्ताव रखा है. इस दौरान केंद्र सरकार में सहयोगी रही टीडीपी के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने विधेयक को जेसीपी के पास भेजने का समर्थन किया.
ये कहता है विधेयक?
बिल के अनुसार, वक्फ बोर्ड में मुस्लिम महिलाओं और गैर-मुस्लिमों को शामिल करने का प्रस्ताव रखा गया है. विधेयक में वक्फ अधिनियम-1995 का नाम बदलकर ‘एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तीकरण, दक्षता और विकास अधिनियम- 1995 करने का प्रावधान रखा गया है. विधेयक में धारा 40 के हटने का प्रावधान है. इसके तहत वक्फ बोर्ड की कोई संपत्ति वक्फ संपत्ति है या नहीं तय करने का अधिकार होगा.