BJP Reaction on Hindenburg Report: हिंडनबर्ग ने एक ओर रिपोर्ट आने के बाद से देश में सियासी घमासान शुरू हो गया है. हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट में सेबी अध्यक्ष पर सवाल उठाए गए हैं. जिसके बाद से विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावर है. साथ ही मामले की जांच की मांग कर रहा है. विपक्ष के आरोपों के बीच बीजेपी ने की पहली प्रतिक्रिया भी सामने आई है. बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी का कहना है कि विपक्ष के तार सीमा पार से जुड़े हुए हैं.
कांग्रेस पर बीजेपी का हमला
बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि राहुल गांधी खुद एक ब्रिटिश कंपनी में काम कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि विदेशी कंपनी के साथ कांग्रेस का यारान है. त्रिवेदी ने कांग्रेस पर आर्थिक संस्था पर हमला करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि कुछ लोग देश में आर्थिक आराजकता पैदा करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि एलआईसी और एचएल को भी पहले बदनाम किया गया था. पिछले कई सालों से जब जब संसद का सत्र चलता है तो विदेश से रिपोर्ट आती है. बीजेपी सांसद ने कहा कि संसद सत्र के दौरान ही रिपोर्ट आती है.
टीएमसी सांसद ने की सीबीआई जांच की मांग
इस बीच टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा कि, यह एक तरह से सेबी का टकराव और कब्जा दोनों है. उन्होंने कहा कि सेबी चेयरपर्सन अडानी ग्रुप में अपारदर्शी निवेशक हैं और गौतम आडानी के समधी सिरिल श्रॉफ कॉर्पोरेट गवर्नेंस कमेटी में हैं. उन्होंने कहा कि इसमें हैरानी की कोई बात नहीं कि सेबी के पास सभी शिकायतें अनसुनी कर दी जाती हैं."
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टीएमसी सांसद ने सिरिल श्रॉफ के का नाम लेते हुए कहा कि जब तक ये सेबी के चेयरपर्सन हैं तब तक हम अडानी पर जांच को लेकर सेबी पर भरोसा नहीं कर सकते. उन्होंने कहा कि ये जानकारी सामने आने के बाद सुप्रीम कोर्ट को अपने फैसले पर फिर से विचार करना चाहिए.
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हिंडनबर्ग ने क्या लगाए सेबी प्रमुख पर आरोप
बता दें कि हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया है कि सेबी की अध्यक्ष माधबी बुच और उनके पति के पास कथित अडानी के पैसों को हेराफेरी घोटाले में इस्तेमाल किया गया. और इसकी ऑफशोर संस्थाओं में हिस्सेदारी थी. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में कहा गया है कि अडानी समूह पर उसकी रिपोर्ट को लगभग 18 महीने बीत चुके हैं. जिसमें इस बात के पुख्ता सबूत भी पेश किए गए हैं कि ये भारतीय ग्रुप कॉर्पोरेट इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला कर रहा था.
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