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BRICS Summit: PM मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात, बातचीत के केंद्र में सीमा विवाद, जानिए क्या हुई खास बात

सीमा विवाद को हल करने को लेकर हुई सहमति का स्वागत प्रधानमंत्री मोदी ने किया साथ ही तनाव के पूरी तरह से कम कर शांति और व्यवस्था को बनाए रखने पर जोर दिया.  उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि मतभेदों और विवादों को सही तरीके से संभालना जरूरी है ताकि दोनों देशों के बीच शांति और स्थिरता बनी रहे.

Mohit Sharma और Mdhurendra Kumar
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BRICS Summit: PM मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात, बातचीत के केंद्र में सीमा विवाद, जानिए क्या हुई खास बात 

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BRICS Summit: कज़ान में आयोजित 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के साइडलाइन में  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की. यह मुलाकात दोनों देशों के बीच 2020 से चल रहे सीमा विवाद के बाद पहली बार हुई है. और यह संभव हुआ दोनों देशों के बीच पिछले दिनों हुए एग्रीमेंट के कारण जिसने पेट्रोलिंग और डिसेंगेजमेंट को लेकर सहमति बनी. 

सीमा विवाद पर NSA अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग ई करेंगे बात

सीमा विवाद को हल करने को लेकर हुई सहमति का स्वागत प्रधानमंत्री मोदी ने किया साथ ही तनाव के पूरी तरह से कम कर शांति और व्यवस्था को बनाए रखने पर जोर दिया.  उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि मतभेदों और विवादों को सही तरीके से संभालना जरूरी है ताकि दोनों देशों के बीच शांति और स्थिरता बनी रहे. इस संदर्भ में, दोनों नेताओं ने सहमति व्यक्त की कि सीमा मुद्दे पर चर्चा के लिए विशेष प्रतिनिधियों की बैठक जल्द आयोजित की जाएगी, ताकि सीमा क्षेत्रों में शांति और स्थिरता के प्रबंधन की निगरानी की जा सके. साथ ही, विदेश मंत्रियों और अन्य अधिकारियों के स्तर पर संवाद तंत्र का उपयोग कर द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर और पुनर्निर्मित किया जाएगा. विदेश सचिव विक्रम मिश्री ने दोनों राष्ट्रध्यक्षों के बीच हुई बातचीत के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रेस कांफ्रेंस के दौरान जानकारी दी और बताया की स्पेशल रिप्रेजेंटेटिव लेवल टॉक की तारीख जल्द तय की जाएगी. सीमा विवाद पर बातचीत के लिए भारत की ओर से स्पेशल रिप्रेजेंटेटिव NSA अजीत डोवल है जबकि चीन की तरफ से विदेश मंत्री वांग ई.

भारत-चीन संबंध महत्वपूर्ण

क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए भारत-चीन संबंध महत्वपूर्ण है, प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने यह भी कहा कि भारत और चीन के बीच स्थिर और मित्रवत द्विपक्षीय संबंध न केवल क्षेत्रीय, बल्कि वैश्विक शांति और समृद्धि के लिए भी आवश्यक हैं. दोनों नेताओं ने जोर दिया कि भारत और चीन, दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाले दो पड़ोसी देश होने के नाते, एशिया और दुनिया में बहु-ध्रुवीय व्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं.

भारत-चीन संबंधों में सुधार की दिशा में सकारात्मक कदम

दोनो  नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को एक दीर्घकालिक और रणनीतिक दृष्टिकोण से आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने रणनीतिक संवाद को बढ़ाने और विकासात्मक चुनौतियों से निपटने के लिए सहयोग के नए अवसरों की खोज पर भी चर्चा की. दोनों देशों ने यह सुनिश्चित करने का संकल्प लिया कि उनके बीच संबंधों में स्थिरता और शांति बनी रहे, जो पूरे क्षेत्र के लिए लाभकारी होगा. इस महत्वपूर्ण बैठक के बाद, उम्मीद है कि भारत-चीन संबंधों में सुधार की दिशा में सकारात्मक कदम उठाए जाएंगे, जो एशियाई और वैश्विक स्थिरता के लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं.

Brics Summit India-China Relations india-china relationship
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