केंद्र सरकार ने नया आदेश जारी किया है. नया आदेश है कि वीआईपी ड्यूटी में तैनात सभी एनएसजी कमांडो को हटाया जाएगा. अब वीआईपी लोगों की सुरक्षा व्यवस्था सीआरपीएफ के हवाले होगी. अगले महीने से यह आदेश लागू हो जाएंगे. ऐसा फैसला इसलिए लिया गया है, जिससे एनएसजी कमांडों का इस्तेमाल सिर्फ आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए किया जाए.
सीआरपीएफ कमांडों को दी गई स्पेशल ट्रेनिंग
संसद की सुरक्षा से सेवामुक्त हुए सीआरपीएफ जवानों को अब सीआरपीएफ वीआईपी सिक्योरिटी विंग में भेजा गया है. इसके लिए जवानों को स्पेशल ट्रेनिंग दी गई है. नई बटालियन भी बनाई गई है. अब यह जवान वीआईपी की सुरक्षा व्यवस्था ही संभालेंगे. सूत्रों की मानें तो देश में अभी सिर्फ नौ जेड-प्लस कैटेगिरी पाने वाले वीआईपी हैं, जिनकी सुरक्षा एनएसजी के ब्लैक कमांडों करते हैं. जैसे- केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित अन्य.
इन नौ लोगों के पास हैं एनएसजी वाली जेड प्ल्स सुरक्षा-
- उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ
- बसपा सुप्रीमो मायावती
- केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह
- पूर्व उप-प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी
- केंद्रीय जहाजरानी मंत्री सर्बानंद सोनोवाल
- छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम रमन सिंह
- जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद
- एनसी नेता फारुक अब्दुल्ला
- आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू
(अब इन नेताओं के सुरक्षा दस्ते से एनएसजी कमांडो हट जाएंगे. एनएसजी कमांडो की जगह अब सीआरपीएफ की सिक्योरिटी विंग कमान संभालेगी)
CRPF की नई बटालियन बनाई गई
बता दें, सीआरपीएफ के पास अभी तक वीआईपी सिक्योरिटी के लिए छह बटालियन हैं. अब नई और सातवीं बटालियन जोड़ी गई है. यह बटालियन कुछ माह पहले तक संसद की सुरक्षा व्यवस्था संभाल रहे थे, जो अब सीआईएसएफ के पास है.
2012 से चल रही थी इस चीज की तैयारी
आंतकी हमलों के बीच वीआईपी की सिक्योरिटी व्यवस्था देश में एक तनाव का विषय थी. 2012 से सरकार के मन में था कि सीआरपीएफ की सिक्योरिटी विंग को वीआईपी की सुरक्षा व्यवस्था में तैनात किया जाए. NSG अब आतंकरोधी मिशन पर ही पूरा फोकस करेगी.