Former IAS officer Pooja Khedkar: संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के बाद अब केंद्र सरकार ने विवादास्पद आईएएस प्रोबेशनर पूजा खेडकर को भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) से तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया है. आधिकारिक सूत्रों ने इस बारे में जानकारी दी है. उनपर आईएएस में अपना चयन सुनिश्चित करने के लिए धोखाधड़ी करने और गलत तरीके से अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और विकलांगता कोटा का लाभ लेने का आरोप लगा है.
हालांकि उन्होंने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार किया है. केंद्र सरकार ने पूर्व आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर को तत्काल प्रभाव से आईएएस से बर्खास्त करने का आदेश दिया है. सूत्रों के मुताबिक, केंद्र सरकार ने 6 सितंबर, 2024 के आदेश के तहत खेडकर को आईएएस (परिवीक्षा) नियम, 1954 के नियम 12 के तहत तत्काल प्रभाव से भारतीय प्रशासनिक सेवा से बर्खास्त कर दिया.
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जानें क्या है पूरा मामला?
बता दें कि ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर की कानूनी परेशानियां तब शुरू हुईं जब उनपर यह आरोप लगा कि उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2022 के लिए अपने आवेदन में आरक्षण लाभ प्राप्त करने के लिए जानकारी को गलत तरीके से प्रस्तुत किया. यूपीएससी और दिल्ली पुलिस दोनों ने उन पर जाली विकलांगता प्रमाण पत्र जमा करने का आरोप लगाया है, जिसमें दो अलग-अलग दस्तावेजों का इस्तेमाल किया गया है. उन्होंने 2022 और 2023 में आईएएस की परीक्षाएं दी थी.
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यूपीएससी ने रद्द की थी उम्मीदवारी
यूपीएससी ने पूजा खेडकर की 31 जुलाई को उम्मीदवारी रद्द कर दी थी. तब आयोग ने कहा था कि उन्होंने आयोग और जनता के खिलाफ धोखाधड़ी की है, और साजिश की पूरी सीमा को उजागर करने के लिए उसकी हिरासत में पूछताछ आवश्यक है. हालांकि पूजा खेडकर ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार किया. गुरुवार को, खेडकर ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि वह एम्स में अपनी चिकित्सकीय जांच कराने की इच्छुक हैं, क्योंकि दिल्ली पुलिस ने दावा किया था कि उनका एक विकलांगता प्रमाण पत्र "जाली" और "मनगढ़ंत" हो सकता है.
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गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में दी थी सफाई
गुरुवार को, खेडकर ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि वह एम्स में अपनी चिकित्सकीय जांच कराने की इच्छुक हैं, क्योंकि दिल्ली पुलिस ने दावा किया था कि उनका एक विकलांगता प्रमाण पत्र "जाली" और "मनगढ़ंत" हो सकता है. खेडकर की ओर से पेश वरिष्ठ वकील ने कहा, "मैं अपनी चिकित्सकीय जांच कराने को तैयार हूं. पहले वे कहते हैं कि मैंने अपना नाम बदल लिया है. अब वे कहते हैं कि विकलांगता संदिग्ध है मैं एम्स जाने को तैयार हूं." बता दें कि खेडकर ने ये दलील तब दी जब कोर्ट आपराधिक मामले में उसकी अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी.