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‘जजों पर शक करना व्यवस्था को बदनाम करना है’, PM मोदी के घर आने पर CJI ने तोड़ी चुप्पी

सीजेआई चंद्रचूड़ ने पीएम मोदी के उनके घर आने, गणपति पूजा में शामिल होने को लेकर बयान दिया. उन्होंने कहा कि कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच शक्तियों का विभाजन इसका मतलब यह नहीं कि दोनों मिल नहीं सकते.

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Jalaj Kumar Mishra
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CJI Chandrachud Reacts PM Modi visits for Ganpati Pooja

PM Modi visited CJI house for Ganpati Pooja

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मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने आज एक बड़ा फैसला सुनाया है. उत्तर प्रदेश मदरसा एक्ट मामले में सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने मदरसा एक्ट को संवैधानिक करार दिया है. इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मदरसा एक्ट को असंवैधानिक बताया था. इस बीच सीजेआई का एक बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा कि वे आस्थावान व्यक्ति हैं और हर धर्म का सामान रूप से सम्मान करते हैं. 

सीजेआई का हालिया बयान एक कार्यक्रम का है, जिसमें वे पीएम मोदी के उनके घर आने पर बात कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि गणपति पूजा के लिए प्रधानमंत्री मेरे घर आए थे. इसमें कुछ भी गलत नहीं हैं. सामाजिक स्तर पर न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच मुलाकात होती रहती है. 

सीजेई ने कहा कि राष्ट्रपति भवन, स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस सहित अन्य मौकों पर हम मिलते हैं. हम प्रधानमंत्री सहित अन्य मंत्रियों से बात करते रहते हैं. हमारी बातचीत में उन मामलों का जिक्र नहीं होता, जिस बारे में हम सुनवाई करते हैं. हम समाज और अपनी जिंदगी के बारे में सामान्य बात करते हैं.

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'यह मतलब नहीं है कि दोनों मिल नहीं सकते'

उन्होंने कार्यक्रम में आगे कहा कि न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच शक्तियों का विभाजन है पर इसका मतलब यह नहीं है कि हम दोनों मिल नहीं सकते. हमें समझना होगा कि कार्यपालिका न्यायपालिका का काम नहीं कर सकती और न्यायपालिका कार्यपालिका का काम नहीं कर सकती है. जजों पर संदेह करना व्यवस्था को बदनाम करना है.

राम मंदिर फैसले पर दिया जवाब

अयोध्या के राम मंदिर मामले में समाधान करने के लिए उन्होंने भगवान से प्रार्थना की थी. अपने बयान पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि मैं आस्थावान व्यक्ति हूं. मैं सभी धर्मों का समान रूप से सम्मान करता हूं. पूर्व सीजेआई दीपक मिश्रा के खिलाफ चार जजों द्वारा की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सीजेआई ने कहा कि संस्थागत अनुशासन कायम रखा जाना चाहिए. होने वाले चीफ जस्टिस संजीव खन्ना के बारे में उन्होंने कहा कि वे शांत किस्म के व्यक्ति हैं. गंभीर टकराव की स्थिति में भी वे मुस्कुरा सकते हैं. उन्होंने कहा कि मेरे रिटायरमेंट के बाद भी सर्वोच्च अदालत सुरक्षित हाथों में हैं.

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Supreme Court UP Madarsa Act CJI DY Chandrachud
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