रिपोर्ट- सुशील पांडेय
DY Chandrachud News: चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ 10 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं. उनका कार्यकाल कई अहम फैसलों के लिए याद किया जाएगा. उनमें व्यक्तिगत स्वतंत्रता, महिला अधिकार, लैंगिक समानता, दिव्यांगों के अधिकारों से जुड़े फैसले शामिल हैं. रिटायर होने से पहले CJI चंद्रचूड़ 4 से 8 नवंबर के बीच पांच और बड़े फैसले सुनाएंगे, जिन पर बड़ी संख्या में लोगों की निगाहें टिकी हुई हैं. आइए इस बारे में जानते हैं-
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1- AMU का माइनॉरिटी स्टेटस
CJI चंद्रचूड़ का सबसे अहम फैसला अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के माइनॉरिटी स्टेटस को लेकर होगा. CJI की अध्यक्षता वाली 7 न्यायाधीशों की पीठ ने इस मुद्दे पर सुनवाई की और फैसला सुरक्षित रखा था. 1968 में AMU का अल्पसंख्यक दर्जा हटाया गया था. अब कोर्ट ये तय करेगा कि AMU के माइनॉरिटी स्टेटस को बहाल किया जा सकता है या नहीं.
2- मदरसा शिक्षा की वैधता पर आएगा फैसला
उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम 2004 को असंवैधानिक घोषित करने के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई की गई. मामले में CJI चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बैंच ने 22 अक्टूबर को फैसला सुरक्षित रखा था. इस दौरान CJI ने कहा था कि धर्मनिरपेक्षता का मतलब है जियो और जीने दो. अब शीर्ष अदालत इस पर फैसला सुनाएगा.
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3- संपत्ति का पुनर्वितरण
कांग्रेस की ओर से उठाने के बाद से ही ‘संपत्ति का पुनर्वितरण’ का मुद्दा राजनीतिक चर्चा का केंद्र बना हुआ है. इस बीच मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जहां संविधान के अनुच्छेद 39 (बी) के तहत संपत्ति के पुनर्वितरण के मुद्दे पर सुनवाई चल रही है. सुप्रीम कोर्ट राज्य नीति के निर्देशक सिद्धांतों के अंतर्गत आने वाले इस संवैधानिक प्रावधान की जांच की जा रही है, ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि क्या यह सरकार को सार्वजनिक हित के नाम पर निजी स्वामित्व वाली संपत्तियों को पुनर्वितरित करने का अधिकार देता है.
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4- रिज क्षेत्र में पेड़ों की अवैध कटाई
सुप्रीम कोर्ट के प्रतिबंध आदेश का उल्लंघन करते हुए दिल्ली के रिज क्षेत्र में पेड़ों की अवैध कटाई से संबंधित विवाद है, जिसमें दिल्ली उपराज्यपाल की भूमिका सवालों के घेरे में है.
5- LMV लाइसेंस का मामला
लाइट मोटर व्हीकल (LMV) लाइसेंस का दायरा को लेकर 21 अगस्त सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था. अब कोर्ट ये तय करेगा कि LMV लाइसेंस धारक 7500 किलोग्राम से अधिक वजन के हल्के मोटर वाहन चलाने की अनुमति होगी या नहीं. इससे संबंधित बीमा दावों में भी विवाद उत्पन्न हो चुका है.
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