पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता चौधरी वीरेंद्र सिंह ने बुधवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्होंने चुनाव आयोग की ओर से कांग्रेस की ईवीएम से जुड़ी शिकायत को नकारने पर प्रतिक्रिया व्यक्त की. इसके साथ उन्होंने महाराष्ट्र में नवाब मलिक की उम्मीदवारी पर भाजपा की नाराजगी और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस की ओर से शरद पवार को झूठा कहे जाने पर भी अपनी राय रखी. चौधरी वीरेंद्र सिंह ने चुनाव आयोग की ओर से कांग्रेस के ईवीएम से जुड़ी शिकायत नकारे जाने पर कहा कि यह कठिन है कि चुनाव आयोग अपनी गलतियों को स्वीकर करेंगा.
लेटेस्ट तकनीक का इस्तेमाल कर रहा
चुनाव आयोग का पक्ष है कि लेटेस्ट तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है. इसमें किसी तरह की गलती नहीं हो सकती. मगर हमें इस बात को याद रखना चाहिए कि तकनीक और इंसान के बीच बड़ा फर्क देखा गया है. इंसान को सोचने के लिए दिमाग दिया गया है. वह तकनीक को भी बनाता है. ऐसे में उसकी कमियों को भी वही जानता है.
उन्होंने आगे कहा कि विश्व के अन्य बड़े देशों में जहां लोकतंत्र है, अब भी चुनाव में बैलेट पेपर का उपयोग किया जा रहा है. अगर तकनीक इतनी सुरक्षित है, तो अन्य देशों में कागल का उपयोग क्यों किया जा रहा है. इस पर सवाल उठता है.
भाजपा की नाराजगी के बारे में पूछा
उन्होंने महाराष्ट्र में नवाब मलिक की उम्मीदवारी को लेकर भाजपा की नाराजगी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इसे पोलराइजेशन का खेल करार दिया. उन्होंने कहा कि भाजपा ने स्पष्ट कर दिया है कि चाहे वह शिंदे की शिवसेना हो यहा अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी हो, दोनों को मिलाकर भी उन्हें सौटें नहीं दी गई हैं. भाजपा किसी भी क्षेत्रीय दल को खत्म करने में सक्षम है.
शरद पवार को लेकर देवेंद्र फडणवीस के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए चौधरी वीरेंद्र का कहना है कि शरद पवार हमारे देश के वरिष्ठ राजनेताओं में एक हैं. उनका लंबा इतिहास रहा है. भाजपा को यह स्वीकार करना होगा कि अगर पवार पर लोगों की आस्था नहीं होती, तो उन्होंने जितनी सीटें जीती हैं, उनमें से 80 प्रतिशत सीटें उनके पास ही हैं.