नेपाल प्रभाग में लगातार बारिश के कारण कोसी नदी में एक बार फिर उफान देखने को मिल रहा है. बीते 24 घंटों में कोसी नदी के जलस्तर में करीब 4 लाख क्यूसेक का उछाल देखने को मिला है. वही दोपहर 12 बजे तक का डिस्चार्ज 6 लाख 81 हजार क्यूसेक को पार करने की आशंका बनी हई है. कोसी के उफान से सुपौल सहित, सहरसा, मधेपुरा, मधुबनी, दरभंगा, खगड़िया, कटिहार और भागलपुर जिलों में भारी तबाही देखी गई. यही वजह है कि जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव ने संबंधित जिलाधिकारियों को हाई अलर्ट जारी किया है.
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वहीं, जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण नेपाल प्रभाग में मौजूद कोसी बराज से वाहनों के परिचालन को रोक दिया गया है. वही सुपौल में जिलाधिकारी कौशल कुमार ने खुद ही तटबंध के क्षेत्रों की निगरानी को लेकर निकले हैं. उन्होंने बताया कि बीते 24 घंटों में नेपाल प्रभाग स्थित कोसी नदी के जल ग्रहण क्षेत्र में 200 एमएम से भी अधिक बारिश का रिकॉर्ड दर्ज किया गया है.
प्रशासन की ओर से माइकिंग को कराया गया
इसकी वजह से कोसी नदी अचानक उफनाई हुई है. प्रशासन की ओर से माइकिंग को कराया गया है. लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की अपील की गई है. प्रशासन की माइकिंग में इस बात के स्पष्ट संदेश दिए गए कि दोपहर 12 बजे की संभावित कोसी बराज का डिस्चार्ज बीते 56 वर्षों में सबसे ज्यादा है. डीएम के अनुसार, संभावित बाढ़ और काटव के कारण प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है. कोसी के अभियंताओं ने भी तटबंध की निगरानी को लेकर सख्त निर्देश दिए है.
पलायन को मजबूर लोग
कोसी नदी के जलस्तर में शुक्रवार की शाम से जारी उछाल के बाद सुपौल में नेपाल सीमा से सटे इलाकों में बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए. शनिवार की सुबह 10 बजे कोसी बराज से 4 लाख 80 हजार 495 क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज रिकॉर्ड किया गया है. प्रशासन ने दोपहर 12 बजे 6 लाख 81 हजार 639 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज की संभावना जताई है. यही कारण है कि बाढ़ का पानी फैलने के साथ ही लोग तटबंध के इलाकों से पलायन करने लगे हैं. कोसी के जलस्तर में अचानक हुए अप्रत्याशित वृद्धि से लोगों में दहशत का माहौल है.