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लॉरेंस बिश्नोई के नाम का खौफ बना रहे साइबर क्रिमिनल, फिरौती और रंगदारी मांगने का सिलसिला जारी

फरीदाबाद के अस्पताल को धमकी मिली है. यह धमकियां लॉरेंस बिश्नोई के नाम से सामने आईं हैं. इस मामले में पुलिस अपनी सक्रियता बनाए हुए है.

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Mohit Saxena
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साइबर क्रिमिनल अब गैंगस्टर को भी छक्का रहे हैं. बाबा सिद्दीकी की हत्या में लॉरेंस बिश्नोई का नाम सामने आने के बाद अचानक से लॉरेंस बिश्नोई के नाम पर धमकी मिलने वाले लोगों की तादाद बढ़ने लगी. सांसद पप्पू यादव को धमकी मिली, सलमान खान को कई बार मुंबई पुलिस के ट्रैफिक कंट्रोल रूम में फोन करके धमकी दी गई. 5 करोड़ रुपए की फिरौती भी मांगी गई, लेकिन यह सिलसिला यहीं नहीं रुका. आजमगढ़ के हिंदूवादी नेता को धमकी मिली, गोपालगंज के दो डॉक्टर को धमकी मिली. फरीदाबाद के अस्पताल को धमकी मिली और यह सभी धमकियां लॉरेंस बिश्नोई के नाम पर दी गई. इस मामले में पुलिस अपनी सक्रियता बनाए हुए हैं.  

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लॉरेंस गैंग का खौफ इन दिनों बढ़ा है

जांच की गई तब पता चला कि ज्यादातर धमकियों के पीछे या तो कोई मानसिक रूप से परेशान व्यक्ति था या लॉरेंस बिश्नोई के नाम पर कमाई का लालच रखने वाला या नाम का फायदा उठाकर धमकी दे रहा था या फिर कोई साइबर क्रिमिनल था. अब सवाल ये है कि क्या वाकई में लॉरेंस गैंग फिरौती और रंगदारी मांगने और धमकियां देने में में सक्रिय हुआ है या फिर लॉरेंस गैंग का खौफ इन दिनों बढ़ा है कि अब उसके नाम का इस्तेमाल करके ऐसे अपराधी और ठग भी उगाही की तरकीब निकाल रहे हैं. जिसका इस गैंग से कोई लेना-देना नहीं है.

यह सिलसिला नया नहीं

दरअसल सिलसिला नया नहीं है. बीते साल एक आरा मशीन संचालक से 20 लाख की रंगदारी मांगी गयी थी. रंगदारी मांगने वाले ने खुद को लॉरेंस गैंग का सदस्य बताया था लेकिन जब पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया तो पता चला कि उसका नाता लॉरेंस गैंग से नहीं है वो पटना में पढ़ाई करने वाला छात्र था और रास्ते में उसे एक सिम कार्ड गिरा मिला तो उसने यूपी जाकर ये हरकत की थी. 

ठगों और अपराधियों का यह सिलसिला यहीं नहीं थमता है. पहले रंगदारी और वसूली करने के लिए गैंगस्टर अपने गुर्गों के जरिए अपने टारगेट पर फायरिंग करवाते थे या उसको धमकी दिलवाते थे. इसके बाद फायरिंग की धमकी की जिम्मेदारी फोन पर या सोशल मीडिया के जरिए गैंगस्टर लिया करते थे. शिकार से रंगदारी और फिरौती मांगा करते थे लेकिन हुआ ऐसा कि अगर किसी शख्स पर किसी गैंग ने डराने के लिए फायरिंग कराई तो उसके फौरन बाद ही टारगेट को कई अलग-अलग गैंग के गैंगस्टर के नाम पर फिरौती और उगाही की धमकियां मिलने लगती थी.

किसी तरह से कमाई हो सके

ठगों और साइबर क्रिमिनल को जब पता चलता था कि किसी शख्स को रंगदारी के लिए डराया जा रहा है तो वह भी मैदान में कूद पड़ते हैं, ताकि किसी तरह से कमाई हो सके. यही वजह है की   एक बार फिर से पुराने वक्त की तरह गैंगस्टर अब अगर कहीं पर फायरिंग करते हैं या उगाई के लिए धमकाते हैं तो वहां पर कागज की लिखी हुई पर्ची छोड़कर जा रहे हैं, जिस पर गैंग का नाम लिखा होता है ताकि यह पक्का हो सके की फायरिंग करने वाली या धमकाने वाले इसी गैंग के थे.

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