DA Hike 2025
DA Hike 2025: सातवां वेतन आयोग 31 दिसंबर 2025 तक ही लागू है. यानी जुलाई 2025 में होने वाला यह डीए संशोधन सातवें वेतन आयोग के तहत अंतिम संशोधन माना जा सकता है. हालांकि केंद्र सरकार ने पहले ही आठवें वेतन आयोग की घोषणा कर दी है.
केंद्र के कर्मचारियों और पेंशन धारकों के लिए खुशखबरी आने वाली है. मीडिया रिपोर्ट्स और विशेषज्ञों की मानें तो जुलाई 2025 से केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते यानी डीए में 4% की बढ़ोतरी हो सकती है. वर्तमान में महंगाई भत्ता 55% है और इस प्रस्तावित बढ़ोतरी के बाद यह बढ़कर 59% तक पहुंच सकता है. यह संशोधन भले ही जुलाई से लागू माना जाएगा, लेकिन इसकी आधिकारिक घोषणा सितंबर या अक्टूबर 2025 में फेस्टिव सीजन के दौरान की जा सकती है. महंगाई भत्ते की गणना ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स फॉर इंडस्ट्रियल वर्कर्स यानी AICPI- IW के आधार पर की जाती है. मई 2025 में AICPI- IW इंडेक्स में 0.5% की वृद्धि हुई जिससे यह 144 के स्तर पर पहुंच गया है.
मार्च में यह इंडेक्स 143 था. अप्रैल में 143.5 और अब मई में यह 144 हो चुका है. अगर यह जून 2025 में 144.5 तक पहुंचता है तो 12 महीने का औसत लगभग 144.17 हो सकता है. सातवें वेतन आयोग के फार्मूले के हिसाब से जब इस औसत इंडेक्स को लागू किया जाता है तो अनुमानित डीए दर 58.85% निकलती है. जिसे आमतौर पर 59% पर राउंड ऑफ किया जा सकता है. यह रिवीजन हर साल दो बार होता है. एक जनवरी में और दूसरा जुलाई में. लेकिन इसकी घोषणा अक्सर कुछ महीनों बाद की जाती है. सरकार आमतौर पर फेस्टिव सीजन के दौरान जैसे दशहरा या दिवाली के करीब इसकी घोषणा करती है ताकि इसका सकारात्मक असर लोगों की खर्च करने की क्षमता और बाजार पर पड़े. 2024 में भी ऐसा ही देखा गया था जब त्योहारों से पहले डीए की घोषणा की गई थी.
एक अहम बात यह है कि सातवां वेतन आयोग 31 दिसंबर 2025 तक ही लागू है. यानी जुलाई 2025 में होने वाला यह डीए संशोधन सातवें वेतन आयोग के तहत अंतिम संशोधन माना जा सकता है. हालांकि केंद्र सरकार ने पहले ही आठवें वेतन आयोग की घोषणा कर दी है. लेकिन अब तक उसके गठन की दिशा में कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई है. ना तो आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति हुई है और ना ही सदस्यों का चयन हुआ है. इस संभावित 4% वृद्धि का लाभ ना सिर्फ लाखों केंद्र सरकार के कर्मचारियों को मिलेगा बल्कि पेंशन भोगियों को भी महंगाई राहत यानी डीआर के रूप में इसका फायदा होगा. इससे कर्मचारियों की क्रय शक्ति में वृद्धि होगी और त्योहारों के मौसम में उनका खर्च करने का सामर्थ्य भी बढ़ेगाजिससे बाजार में रौनक आ सकती है.