भारतीय सेना ने चीन की जनमुक्ति सेना (पीएलए) द्वारा उसपर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पार करने के लगाए गए आरोपों को मंगलवार को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि चीनी सैनिकों ने सोमवार को हवा में गोलियां चलाईं और पूर्वी लद्दाख में भारतीय ठिकाने के करीब आने की कोशिश की. सेना की ये टिप्पणियां तब आई हैं जब पीएलए ने सोमवार देर रात को आरोप लगाया था कि भारतीय सैनिकों ने एलएसी पार की और पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के पास चेतावनी देने के लिए गोलियां चलाईं. एलएसी पर बंदूकों का इस्तेमाल सीमा विवाद के गंभीर तरीके से बढ़ने का संकेत देता है क्योंकि इससे पहले दोनों देशों की सीमा पर गोलियां चलने की घटना 1975 में हुई थी.
भारत और चीन का एक-दूसरे पर आरोप लगाना ऐसे समय में हो रहा है जब महज चार दिन पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके समकक्ष जनरल वेई फेंगही ने सीमा पर तनाव कम करने के तरीकों पर मॉस्को में चर्चा की थी. उन्होंने पिछले शुक्रवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) बैठक से इतर शुक्रवार को मुलाकात की थी. एक बयान में, भारतीय सेना ने कहा कि किसी भी वक्त भारतीय सैनिकों ने एलएसी पार नहीं की या गोलीबारी समेत किसी आक्रामक तरीके का इस्तेमाल नहीं किया. सेना ने कहा, किसी भी मौके पर भारतीय सेना ने एलएसी पार नहीं की या गोलीबारी समेत किसी आक्रामक साधन का इस्तेमाल नहीं किया. यह पीएलए है जो समझौतों का खुलेआम उल्लंघन कर रही है और आक्रामक युक्तियां अपना रही है जबकि सैन्य, कूटनीतिक एवं राजनीतिक स्तर पर बातचीत जारी है.
चीनी सैनिकों ने चलाईं गोलियां
सेना ने कहा, सात सितंबर के ताजा मामले में, पीएलए के सैनिकों ने एलएसी के पास हमारे एक अग्रिम ठिकाने तक आने की कोशिश की और जब हमारे सैनिकों ने उन्हें रोका तो उन्होंने भारतीय सैनिकों को डराने के प्रयास में हवा में कुछ राउंड गोलियां चलाईं. उसने कहा कि गंभीर उकसावे के बावजूद, भारतीय सैनिकों ने अत्यंत संयम बरता और परिपक्व एवं जिम्मेदार तरीके से व्यवहार किया. सेना ने पीएलए के वेस्टर्न थियेटर कमांड के बयान को उनके अपने लोगों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गुमराह करने का प्रयास करार दिया. सेना ने कहा, भारतीय सेना शांति एवं सौहार्द बरकरार रखने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन वह हर हाल में राष्ट्रीय संप्रभुता एवं अखंडता की रक्षा के लिए भी दृढ़ संकल्प है.
चीनी कर्नल ने भारतीय जवानों पर लगाए आरोप
इसने कहा, भारत एलएसी से पीछे हटने और तनावपूर्ण स्थिति को कम करने के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन चीन स्थिति को तनावपूर्ण बनाने के लिए उकसावे वाली हरकतें कर रहा है.पीएलए के वेस्टर्न थियेटर कमांड के प्रवक्ता, वरिष्ठ कर्नल झांग शुइली ने एक बयान में आरोप लगाया कि भारतीय सैनिकों ने अवैध रूप से एलएसी पार की और बात करने के इच्छुक चीनी सीमा पर गश्त रहे सैनिकों पर चेतावनी देने के लहजे में गोलियां चलाईं. उन्होंने इस बारे में विस्तार से कोई जानकारी दिए बिना कहा कि चीनी सैनिकों को स्थिति को स्थिर करने के लिए मजबूरन जवाबी कदम उठाने पड़े.
मीडिया रिपोर्टिंग पर उठे सवाल
उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय सैनिकों ने पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे के पार शेनपाओ पर्वतीय क्षेत्र में चीन-भारत सीमा के पश्चिमी भाग पर एलएसी पार की. इससे अलग, विदेश मंत्रालय ने कुछ टिप्पणयों को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल से जोड़कर बताने वाली चीनी मीडिया की खबरों को गलत करार दिया है. मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में कहा, हमने चाइना डेली और ग्लोबल टाइम्स समेत चीनी मीडिया में आ रही खबरें देखी हैं जिसने कुछ टिप्पणियों को एनएसए अजित डोभाल का बताया है. ये खबरें पूरी तरह गलत हैं और तथ्य आधारित नहीं हैं. हम मीडिया से अपील करते हैं कि वे ऐसी अटकलबाजी वाली रिपोर्टिंग से बाज आएं. पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर तनाव गलवान घाटी में 15 जून को हुई झड़पों के बाद बढ़ गया था जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे.
चीन ने भारत के इस कदम पर कड़ी आपत्ति जताई
चीन के भी सैनिक हताहत हुए थे लेकिन उसने इसके ब्योरे अब तक नहीं दिए हैं. अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन के 35 सैनिक इन झड़पों में हताहत हुए थे. सीमा पर स्थिति दोबारा बिगड़ गई थी जब चीन ने 29 और 30 अगस्त की दरम्यानी रात को पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर स्थित भारतीय सीमा पर कब्जा करने का असफल प्रयास किया था. भारत ने चीनी कार्रवाई को विफल करने के लिए पैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर कई सामरिक चोटियों पर अपना नियंत्रण किया हुआ है और क्षेत्र में फिंगर 2 और फिंगर 3 इलाके में अपनी मौजूदगी बढ़ा दी है. चीन ने भारत के इस कदम पर कड़ी आपत्ति जताई है. हालांकि, भारत का कहना है कि ये चोटियां एलएसी में उसकी तरफ पड़ती हैं. भारत ने एलएसी पार करने की चीन की कोशिशों के बाद संवेदनशील क्षेत्र में अतिरिक्त सैनिकों एवं हथियारों की तैनाती की है.
Source : News Nation Bureau