वायु प्रदूषण ने राजधानी में हाहाकार मचा रखा है. यहां पर एक्यूआई (एयर क्वालिटी इंडेक्स) 400 पार पहुंच चुका है. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. केंद्र सरकार ने पराली की समस्या के खिलाफ सख्त कदम उठाया है. सरकार ने पराली जलाने वाले किसानों पर जुर्माने की राशि को बढ़ाकर दोगुना कर दिया है.
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग संशोधन नियम-2024 प्रभावी होंगे. केंद्र सरकार ने इसे लेकर अधिसूचना जारी की है. अधिकसूचना के तहत जो किसान दो एकड़ से कम भूमि क्षेत्र रखते हैं, उन्हें 5000 रुपये का पर्यावरणीय मुआवजा देना होगा.
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पराली जलाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध
इसके साथ ही जो किसान दो एकड़ या उससे अधिक मगर पांच एकड़ से कम भूमि के मालिक है, उन्हें 10,000 रुपये का पर्यावरणीय मुआवजा देना होगा. वहीं जो किसान पांच एकड़ से ज्यादा भूमि क्षेत्र रखते हैं, उन्हें 30,000 रुपये का पर्यावरणीय मुआवजा देना होगा. इसके साथ ही पराली जलाने पर पूरी तरह से रोक लागू रहेगी.
केंद्र सरकार के ‘वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग’ ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और इसके आसपास के इलाकों में ‘एनवायरमेंटल कंपेंसेशन फॉर स्टबल बर्निंग संशोधन कानून’ के प्रावधान को लागू कर दिया है. इस कानून में पराली जलाने पर जुर्माने और फंड के उपयोग के प्रावधान बताए गए हैं.
पंजाब-हरियाणा सरकार को SC की फटकार
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पराली जलाने की घटना पर रोक में विफल होने को लेकर पंजाब और हरियाणा की सरकारों को कड़ी फटकार लगाई थी. सुप्रीम कोर्ट ने वायु गुणवत्ता आयोग को पराली जलाने की घटनाएं लगातार होने के कारण पंजाब और हरियाणा सरकार के अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए. इसके साथ ही कोर्ट ने आदेश के उल्लंघनकर्ताओं पर मुकदमा चलाने के लिए एक सप्ताह की समय सीमा तय की है.