Bibek Debroy Passes Away: प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ESC-PM) के अध्यक्ष और शीर्ष अर्थशास्त्री बिबेक देबरॉय का शुक्रवार सुबह निधन हो गया. वह 69 साल थे. बिबेक देबरॉय भारतीय अर्थव्यवस्था में अपना अहम योगदान देने के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने देश की आर्थिक नीतियों को आकार देने में अहम भूमिका निभाई. पीए मोदी ने उनके निधन पर शोक जताया. पीएम मोदी ने कहा कि डॉ. बिबेक देबरॉय एक महान विद्वान थे जो अर्थशास्त्र समेत कई विषयों में पारंगत थे.
पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि
पीएम मोदी ने अर्थशास्त्री बिबेक देबरॉय को श्रद्धांजलि दी. प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "डॉ. बिबेक देबरॉय जी एक महान विद्वान थे, जो अर्थशास्त्र, इतिहास, संस्कृति, राजनीति, आध्यात्मिकता और अन्य विविध विषयों में पारंगत थे. उन्होंने अपने कार्यों से भारत के बौद्धिक परिदृश्य पर एक अमिट छाप छोड़ी. उन्होंने सार्वजनिक नीति में अहम योगदान के अलावा, हमारे प्राचीन ग्रंथों पर काम किया और उन्हें युवाओं के लिए सुलभ बनाया."
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Dr. Bibek Debroy Ji was a towering scholar, well-versed in diverse domains like economics, history, culture, politics, spirituality and more. Through his works, he left an indelible mark on India’s intellectual landscape. Beyond his contributions to public policy, he enjoyed… pic.twitter.com/E3DETgajLr
— Narendra Modi (@narendramodi) November 1, 2024
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने जताया दुख
अर्थशास्त्री बिबेक देबरॉय के निधन पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी दुख जताया. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, "बिबेक देबरॉय सबसे पहले और सबसे अहम सैद्धांतिक और अनुभवी अर्थशास्त्री थे. उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था के अलग-अलग पहलुओं पर काम किया और उसके बारे लिखा. उनके पास स्पष्ट व्याख्या करने का एक विशेष कौशल भी था, जिससे आम लोग जटिल आर्थिक मुद्दों को आसानी से समझ सकें. कई सालों से उनके पास कई संस्थागत जुड़ाव थे, उन्होंने हर जगह अपनी छाप छोड़ी है."
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जानें कौन थे बिबेक देबरॉय थे?
बता दें कि बिबेक देबरॉय एक प्रतिष्ठित भारतीय अर्थशास्त्री, लेखक और विद्वान थे, जिन्हें आर्थिक नीति और संस्कृत ग्रंथों में उनके योगदान के लिए जाना जाता है. उन्होंने भारत की आर्थिक नीतियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उन्होंने मैक्रोइकॉनॉमिक्स, सार्वजनिक वित्त और बुनियादी ढांचे सहित विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता के साथ, आर्थिक सुधार, शासन और भारतीय रेलवे जैसे विषयों पर बड़े पैमाने पर प्रकाशन किया है. इसके साथ ही उन्होंने महाभारत और श्रीमद् भगवद गीता समेत शास्त्रीय संस्कृत ग्रंथों का अनुवाद भी किया.
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