चुनाव आयोग के मंगलवार को महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनावों का एलान कर दिया है. महाराष्ट्र में एक चरण में वोटिंग होगी तो झारखंड में दो चरणों में वोटिंग होगी. चुनावों की तारीखों का ऐलान करते हुए चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने लोगों के सवालों का भी जवाब दिया. उन्होंने ईवीएम पर उठ रहे सवालों का भी जवाब दिया. आयुक्त कुमार ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को एग्जिट पोल और परिणामों के दिन आने वाले रुझानों के प्रति एक बार फिर से विचार करे.
राजीव कुमार ने बताया कि एग्जिट पोल्स से देश भर में एक अपेक्षा तय हो जाती हैं. इससे भटकाव आ जाता है. यह आत्मचिंतन और आत्ममंथन का विषय है. हमारा एग्जिट पोल्स पर नियंत्रण नहीं है. एग्जिट पोल्स को लेकर चिंतन आवश्यक है कि इसका सैंपल साइज क्या है, सर्वे कहां हुआ था, रिजल्ट कैसे आए. अगर एग्जिट पोल्स असल नतीजों से मेल नहीं खाते हैं तो जिम्मेदार कौन होगा.
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सीईसी कुमार ने कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए. समय आ गया है कि एग्जिट पोल वाली संस्थाएं इस ओर भी ध्यान दें. सीईसी ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को एग्जिट पोल और गिनती शुरू होने से पहले रुझान पब्लिश करने की प्रथा के बारे में चेतावनी दी.
ईवीएम की पहली गिनती कब होती है शुरू?
बता दें, आखिरी दौर की मतगणना के तीसरे दिन आमतौर पर गिनती होती है. आखिरी दौर के मतदान के बाद शाम छह बजे से ही एग्जिट पोल्स शुरू हो जाते हैं. मतगणना के दिन सुबह से रुझान शुरू हो जाते हैं. सीईसी ने इस बारे में कहा कि ईवीएम की पहली गिनती ही सुबह साढ़े आठ बजे शुरू होती है तो सुबह 8.05-8.10 बजे से रुझान दिखाना, एकदम बेतुका है. सीईसी ने कहा कि हम सुबह साढ़े नौ बजे अपनी वेबसाइट पर आधिकारिक परिणाम जारी करते हैं.
अब असल परिणाम, अपेक्षित परिणाम जैसे नहीं होते तो गंभीर परिणाम हो सकते हैं. कभी-कभी यह निराशा में बदल जाती है. यह गंभीरता से विचार करने वाला मामला है.
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