मद्रास हाई कोर्ट ने बुधवार को एक रेप केस पर अजीबोगरीब फैसला सुनाया. हाई कोर्ट ने रेप आरोपी को बरी करते हुए कहा कि प्यार और जंग में सब जायज है. दरअसलस, यह रेप केस 2014 का है. महिला ने गर्भवती होने के बाद आरोपी के खिलाफ रेप का केस दर्ज कराया था. वहीं, महिला ने केस के दौरान यह भी कबूल किया था कि उससे पहले वह पुरुष के साथ अपनी मर्जी से शारीरिक संबंध बना चुकी है, लेकिन गर्भवती होने के बाद उसने युवक के खिलाफ रेप केस दायर कर दिया. इस बीच महिला ने बच्चे को जन्म दिया, जिसे लेकर कोर्ट ने बच्चे के पालन पोषण को लेकर चिंता भी जाहिर की और बच्चे के भविष्य को देखते हुए पुरुष-महिला को बात करके बीच का रास्ता निकालने की सलाह दी.
प्यार और जंग में सब जायज
केस दर्ज किए जाने के बाद आरोपी ने भी 2017 में कोर्ट में याचिका दायर की और खुद को निर्दोष बताया. इस केस की सुनवाई के दौरान महिला का दोबारा रेप केस के आरोपी के साथ संबंध बना और महिला फिर से प्रेग्नेंट हो गई. जिसके बाद रेप का केस काफी जटिल हो गया. मामले पर फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि महिला और आरोपी दोनों एडल्ट हैं.
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न्यायिक प्रक्रिया का गलत इस्तेमाल किया गया- कोर्ट
दोनों अपने फैसले लेने के लिए स्वतंत्र हैं, दोनों को पता है कि वह क्या कर रहे हैं. यह दोनों का ही फैसला आखिरी होगा कि दोनों को साथ रहना है या नहीं? वहीं, महिला आरोपी पर लगाए गए आरोप केस को कोर्ट में साबित नहीं कर सकी कि उसके साथ सच में रेप की घटना को अंजाम दिया गया है. कोर्ट ने महिला के रेप केस पर सुनवाई करते हुए कहा कि मामले में न्यायिक प्रक्रिया का गलत इस्तेमाल किया गया है.
रेप आरोपी को मद्रास हाई कोर्ट ने किया बरी
महिला ने झूठी एफआईआर दर्ज कराई है. कोर्ट में महिला ने भी यह स्वीकार किया कि वह आरोपी के साथ कई बार शारीरिक संबंध बना चुकी हैं, लेकिन जैसे ही वह प्रेग्नेंट हुई उसने पुरुष के खिलाफ रेप का केस दर्ज करा दिया. इस केस के बाद भी उसने दोबारा से उसके साथ शारीरिक संबंध बनाया और फिर से प्रेग्नेंट हो गई. महिला कोर्ट के समक्ष आरोपी के खिलाफ सबूत पेश नहीं कर सकी. जिसके बाद कोर्ट ने आरोपी की अपील स्वीकार करते हुए उसे सभी आरोपों से बरी कर दिया.