कल यानि 31 अक्टूबर को दिवाली के अवसर पर भारत और चीन की सेनाओं के बीच मिठाई का आदान-प्रदान होगा. यह एक्सचेंज एलएसी (लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल) के सभी बीपीएम यानि बॉर्डर पर्सनल मीटिंग पॉइंट्स पर किया जाएगा, जो दोनों देशों के बीच संबंधों को पटरी पर वापस आने का संकेत है.
डिसेंगेजमेंट का काम पूरा
इस मिठाई आदान-प्रदान से ठीक पहले, ईस्टर्न लद्दाख के डेमचोक और देपसांग क्षेत्रों में डिसएंगेजमेंट का कार्य पूरा हुआ है. यह प्रक्रिया एक हफ्ते में संपन्न हुई. इसमें चीनी सेना ने इन क्षेत्रों से अपना बोरिया बिस्तर समेटा, टेंट हटाए और स्थायी संरचनाओं को तोड़ डाला. इसी के साथ दोनों ही सेनाएं अप्रैल 2020 में हुए गलवान हिंसा के पहले जो पूर्ववर्ती स्थिति थी, उसमें लौट आई है. गलवान हिंसा के बाद बिगड़े हालात ने दोनों देशों की सेनाओं को आमने सामने खड़ा किया था और युद्ध के इस बादल को छटने में चार साल से ज्यादा का वक्त लगा.
ब्रिगेड कमांड लेवल की बैठक
डिसएंगेजमेंट के बाद आज भारत और चीन के बीच ब्रिगेड कमांड लेवल की बैठक भी हो रही है. इस बैठक में स्थानीय कमांडरों के बीच वार्ता जारी रहेगी, जिससे आगे की रणनीति तय की जाएगी.
जल्द ही गश्त शुरू होगी और पेट्रोलिंग की स्थिति को फिर से बहाल किया जाएगा, जैसा कि अप्रैल 2020 से पहले होता था. इस बीच, सत्यापन का कार्य भी जारी है, और गश्त के तौर-तरीकों पर जमीनी कमांडरों के बीच निर्णय लिया जाएगा.
बीपीएम प्वाइंट्स पर मिठाई का आदान-प्रदान
मिठाइयों का आदान-प्रदान एलएसी के सभी छह बीपीएम प्वाइंट्स पर होगा, जिसमें शामिल हैं:
1. चुशूल (ईस्टर्न लद्दाख)
2. दौलत बेग ओल्डी (DBO) (उत्तरी लद्दाख)
3. डेमचोक (ईस्टर्न लद्दाख)
4. बुम ला (अरुणाचल प्रदेश)
5. किबिथू (अरुणाचल प्रदेश)
6. नाथू ला (सिक्किम)
आपको बता दें कि अप्रैल 2020 में गलवान घाटी में हुए हिंसक झड़प के बाद से दोनों देशों के बीच जो तनाव बना था, उसका अंत इसे माना जा रहा है.
BRICS सम्मेलन से पहले का महत्वपूर्ण कदम
इससे पहले, BRICS सम्मेलन के ठीक पहले दोनों देशों के बीच डिसएंगेजमेंट का ऐलान किया गया था. इसके बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों देशों के बीच शांति बनाए रखने और संवाद पर जोर दिया.