गुजरात से फर्जीवाडा सामने आना कोई नई बात नहीं है. गुजरात में फर्जी अधिकारी, फर्जी ऑफिसर और फर्जी डॉक्टर अलग-अलग इलाकों से पकड़े जाते रहे हैं. गुजरात के ही सूरत शहर में कुछ दिनों पहले पुलिस द्वारा फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ कार्यवाही शुरू की गई थी और कई फर्जी डॉक्टर गिरफ्तार हुए थे. इन्हीं फर्जी डॉक्टरों में से दो डॉक्टरों ने सूरत शहर के पांडेसरा इलाके में दो मंजिला हॉस्पिटल ही खड़ा दिया. उसके शुभारंभ पत्रिका में सूरत के पुलिस कमिश्नर और म्युनिसिपल कमिश्नर से लेकर कई अधिकारियों के नाम भी लिख दिए. फर्जी डॉक्टरों द्वारा शुरू की गई इस हॉस्पिटल के बारे में जब फायर विभाग को जानकारी हुई तो उन्होंने उसे उद्घाटन के दूसरे दिन ही सील कर दी है .
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शुभारंभ के दूसरे दिन ही सील कर दिया
तस्वीर सूरत शहर के पांडेसरा इलाके में स्थित जनसेवा मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के नाम से शुरू किया गया था. इस हॉस्पिटल को सूरत फायर विभाग ने शुभारंभ के दूसरे दिन ही सील कर दिया है. अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसा भला कैसे हो सकता है तो हम आपको बता दे कि इस हॉस्पिटल को शुरू करने वाले इसी इलाके के दो फर्जी डॉक्टर हैं जिन पर सूरत पुलिस के पांडेसरा पुलिस थाने में मामला दर्ज हो चुका है. उन्हीं फर्जी डॉक्टरों ने एक अन्य शराब माफिया, कथित रूप से रिटायर्ड पुलिस सब इंस्पेक्टर और अन्य डॉक्टरो के साथ मिलकर यह हॉस्पिटल 17 नवंबर शुरू किया था.
फर्जी डॉक्टर ने हॉस्पिटल का शुभारंभ करने के लिए बाकायदा आमंत्रण पत्रिका भी छपाई गई थी. इस आमंत्रण पत्रिका में चीफ गेस्ट के तौर पर सूरत महानगरपालिका की म्युनिसिपल कमिश्नर शालिनी अग्रवाल, अतिथि विशेष के तौर पर सूरत के पुलिस कमिश्नर अनुपम सिंह गहलोत, ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर राघवेंद्र वत्स का नाम भी छपाया था. लेकिन गनीमत रही कि इस हॉस्पिटल के शुभारंभ कार्यक्रम में कोई भी अधिकारी पहुंचे थे और दूसरे दिन ही विवाद शुरू हो गया था. सूरत महानगर पालिका के फायर ऑफिसर ईश्वर पटेल कि माने तो हॉस्पिटल में फायर सेफ्टी और फायर की एनओसी नहीं है.
फायर सेफ्टी ना होने के कारण अस्पताल को सील कर दिया
इस जानकारी मिलने के बाद सूरत महानगर पालिका की फायर विभाग की टीम मौके पर पहुंची थी और हॉस्पिटल में लगाए गए फायर सेफ्टी को लेकर जांच पड़ताल शुरू की गई थी. फायर विभाग की टीम को पता चला अस्पताल में फायर सेफ्टी के साधन तो लगाए गए हैं लेकिन वह चालू हालत में नहीं है साथ ही हॉस्पिटल शुरू करने से पहले सूरत महानगरपालिका से जो एनओसी ली जाती है वह भी नहीं ली गई है. सूरत विभाग के ऑफिसर ईश्वर पटेल ने बताया फायर सेफ्टी ना होने के कारण अस्पताल को सील कर दिया गया है साथ ही पुलिस विभाग और सूरत महानगरपालिका के जोनल ऑफिसर एवं बिजली विभाग को शिकायत पत्र लेकर लेटर भी भेज दिया है. फायर एनओसी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही आगे हॉस्पिटल शुरू हो सकती है.
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हॉस्पिटल के शुभारंभ को लेकर जो आमंत्रित पत्रिका छापी गई. उसमें सूरत महानगरपालिका की कमिश्नर शालिनी अग्रवाल पुलिस कमिश्नर अनुपम सिंह गहलोत और जॉइंट पुलिस कमिश्नर राघवेंद्र वत्स का नाम लिखा गया है इसके बारे में अधिकारियों को सूचना तक नहीं है. सूरत पुलिस के डीसीपी विजय सिंह गुर्जर ने बताया सेवा मल्टी स्पेशल हॉस्पिटल का इनॉग्रेशन था. उसमें डॉक्टर का कुछ नाम दिया था नीचे पांच छह डॉक्टर के नाम शामिल थे.
पांडेसरा पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज
इनमें जो एक डॉक्टर हैं, बबलू रामआसरे शुक्ला जो खुद को बीईएमएस डॉक्टर बताते हैं. उस बबलू शुक्ला पर गुजरात मेडिकल प्रैक्टिस एक्ट के तहत पांडेसरा पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज हुई थी और यह फर्जी डॉक्टर है इसकी डिग्री फर्जी थी. दूसरा जो डॉक्टर है पांडेसरा पुलिस थाने में राजाराम केशव प्रसाद दुबे यह भी खुद को बीईएमएस डॉक्टर बताता है. उसके खिलाफ भी गुजरात मेडिकल एक्ट के तहत पांडेसरा पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज हुई थी.