जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कान्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूख अब्दुल्ला ने बड़ा बयान दे दिया है. उन्होंने कहा कि अगर इस्लामाबाद भारत के साथ दोस्ती रखना चाहता है तो उसे आतंकी घटनाएं रोकनी होंगी. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बातचीत कैसे संभव है. पाकिस्तान हमारे निर्दोषों को मारते हैं फिर कहते हैं बातचीत करें. जब तक पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में हत्याएं बंद कर नहीं करता, तब तक दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच किसी भी प्रकार की बातचीत संभव नहीं है.
अब्दुल्ला ने आगे कहा कि पाकिस्तान की सरकार को मैं कहना चाहता हूं कि अगर सच में वे भारत के साथ दोस्ती चाहते हैं तो उन्हें यह सब बंद करना होगा. कश्मीर कभी भी पाकिस्तान का हिस्सा नहीं बनेगा. बता दें, यह सब बातें सोमवार को कहीं, क्योंकि 20 अक्टूबर की रात को गांदरबल में आतंकी हमला हो गया था. हमले में सात निर्दोष लोगों की मौत हो गई थी.
पाकिस्तान से आते हैं आतंकवादी
अब्दुल्ला ने कहा कि गांदरबल की घटना दर्दनाक है. गरीब मजदूर यहां रोजगार के लिए आते हैं, जिससे वे अपने परिवार का पेट पाल सकें. दरिंदों ने उन्हें शहीद कर दिया. लोगों का इलाज करने वाले एक डॉक्टर को भी उन्होंने मार डाला. अगर आंतकियों को लगता है कि ऐसे हमले करके वे जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान की हुकूमत स्थापित कर लेंगे तो वे गलत हैं. हम वर्षों से देख रहे हैं कि आतंकवादी पाकिस्तान से आ रहे हैं. अब्दुल्ला ने आगे कहा कि कश्मीर के लोगों को शांति और सम्मान के साथ रहने देना चाहिए. पाकिस्तान को जम्मू-कश्मीर से अधिक अपने देश में ध्यान देना चाहिए. उन्हें खुद के देश का विकास देखना चाहिए.
सिन्हा ने भी की आतंकी हमले की पुरजोर निंदा
अब्दुल्ला के अलावा, जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि सुरक्षाबल गांदरबल में मरने वाले लोगों का बदला लेंगे. सुरक्षाबल ऐसा बदला लेंगे कि आतंकवादी आने वाले समय में इसे याद रखेंगे. सिन्हा ने एक्स पर एक पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने कहा कि मजदूरों के खिलाफ हुए क्रूर हमले का बदला लिया जाएगा. मैने पुलिस और सुरक्षाबलों को कहा है कि आतंकियों पर ऐसा हमला करो कि आने वाली पीढ़ी भी याद रखे. पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में शांति भंग कर रहा है.