भारत के पूर्वी राज्य में बारिश के चलते हालात बिगड़ गए हैं. वहां लैंडस्लाइड हो गया है. हादसे में 22 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं 22 लोग लापता हैं. बाढ़ और भूस्खलन के बीच बचाव अभियान शुरू हो गया है. मौसम की मार झेल रहे 65400 लोगों को 450 राहत शिविरों में भेजा गया है. एनडीआरएफ की चार टीमें भी रेस्क्यू अभियान में शामिल हैं. मौसम की मार झेल रहे प्रदेश का नाम- त्रिपुरा है.
गृहमंत्री ने सीएम से की बात
गृहमंत्री अमित शाह ने त्रिपुरा के मुख्यमंत्री मणिक साहा से बात की. उन्होंने सीएम से वहां के हालात पूछे. गृहमंत्री शाह ने त्रिपुरा सीएम को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है. उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार संकट की घड़ी में त्रिपुरा में रहने वाले हमारे भाई बहनों के साथ है. प्रदेश सरकार ने एहतियात बरतते हुए सभी स्कूलों को बंद कर दिया है.
छह दिन से मूसलाधार बारिश ने बिगाड़े हालात
राज्य सरकार की मानें तो वहां रविवार से मूसलधार बारिश हो रही है. इस वजह से प्रदेस की सभी नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को पार तक चुका है. कई जगह बाढ़ आ गई है. त्रिपुरा के राजस्व सचिव बृजेश पांडेय ने बताया था कि 17 लाख लोग मौसम की मार से प्रभावित हैं. 2,032 इलाकों में भूस्खलन हुआ है. इनमें 1,789 क्षेत्रों को साफ कर दिया गया है. हम अन्य इलाकों में भी रेस्क्यू अभियान चला रहे हैं. केंद्र ने फंसे हुए लोगों को दो हेलीकॉप्टर दिए हैं, जिससे रेस्क्यू अभियान आसानी से चलाया जा सके.
NDRF-SDRF ने किया अलर्ट
राज्य सरकार ने पश्चिम त्रिपुरा और सिपाहीजला जिले में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है. एनडीआरएफ, असम राइफल्स, केंद्रीय अर्धसैनिक बल और एसडीआरएफ बचाव और राहत अभियान में जुटे हैं। सरकार ने लोगों से अपील की है कि घरों से बाहर न निकलें और सतर्क रहें. बचाव टीम लोगों की मदद कर रही है है. हर संभव मदद के प्रयास हो रहे हैं.
जिला प्रशासन को दिए निर्देश
त्रिपुरा सीएम साहा ने कहा कि राज्य में भीषण बाढ़ आ गई है. स्थिति पर हम करीब से नजर रख रहे हैं. जिला प्रशासन को लोगों की मदद सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने बताया कि राज्य के भी स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय बंद कर दिए गए है. अगले आदेश तक सभी शैक्षणिक संस्थान बंद ही रहेंगे.