Advertisment

असम सरकार ने मुस्लिम विवाह अधिनियम निरस्त किया

असम सरकार ने मुस्लिम विवाह अधिनियम निरस्त किया

Advertisment
author-image
IANS
New Update
hindi-mulim-marriage-and-divorce-regitration-act-repealed-by-aam-govt--20240223235406-20240224011432

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

Advertisment

असम सरकार ने लंबे समय से चले आ रहे असम मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम 1935 शुक्रवार को निरस्त कर दिया।

यह निर्णय शुक्रवार रात मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की अध्यक्षता में राज्य कैबिनेट की बैठक के दौरान लिया गया।

यह उत्तराखंड समान नागरिक संहिता कानून लागू करने वाला पहला राज्य बनने के तीन सप्ताह बाद आया है।

कैबिनेट मंत्री जयंत मल्लबारुआ ने इसे समान नागरिक संहिता (यूसीसी) की दिशा में एक बड़ा कदम बताया।

Advertisment

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आगे चलकर मुस्लिम विवाह और तलाक से संबंधित सभी मामले विशेष विवाह अधिनियम द्वारा शासित होंगे।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, जिला आयुक्त और जिला रजिस्ट्रार अब नई संरचना के तहत मुस्लिम विवाह और तलाक को पंजीकृत करने के प्रभारी होंगे। निरस्त अधिनियम के तहत कार्यरत 94 मुस्लिम रजिस्ट्रारों को भी उनके पदों से मुक्त कर दिया जाएगा और उन्हें 2 लाख रुपये का एकमुश्त भुगतान दिया जाएगा।“

मल्लाबारुआ ने निर्णय के व्यापक प्रभावों पर भी जोर दिया, खासकर बाल विवाह पर रोक लगाने के राज्य के प्रयासों के आलोक में। उन्होंने बताया कि 1935 के पुराने अधिनियम द्वारा किशोर विवाह को आसान बना दिया गया था, जो ब्रिटिश साम्राज्य से एक अधिनिर्णय था।

Advertisment

मंत्री ने कहा, प्रशासन इस अधिनियम को निरस्त करके बाल विवाह के मुद्दे को संबोधित करना चाहता है, जिसे महिलाओं के लिए 18 वर्ष और पुरुषों के लिए 21 वर्ष से कम उम्र के व्यक्तियों के मिलन के रूप में परिभाषित किया गया है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

Advertisment
Advertisment