केरल के वायनाड में लैंडस्लाइड हो गया है. गृहमंत्री अमित शाह ने वायनाड की घटना को लेकर संसद में एक बयान दिया है. उन्होंने कहा कि घटना में जिन-जिन लोगों ने जान गंवाई है, उनके परिजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं. शाह ने सभापति को संबोधित करते हुए कहा कि आपने विषय पर चर्चा करने की अनुमति दी तो मुझे लगा कि आज का दिन शायद राजनीति से इतर होगा लेकिन इस पर टिप्पणियां हुईं. जानकारी न होने के कारण दोषारोपण हुआ या फिर किसी द्वेष में पर मुझे इस बारे में स्पष्टीकरण करना है.
संसद में शाह ने कहा कि ये लोग अर्ली वार्निंग-अर्ली वार्निंग कर रहे हैं. अंग्रेजी के सभी भारी-भारी शब्दों का इस्तेमाल कर रहेे हैं. केंद्र सरकार ने 23 जुलाई को ही केरल सरकार को अर्ली वार्निंग दी थी. केरल सरकार को 23 जुलाई, 24 जुलाई और 25 जुलाई को अर्ली वार्निंग दी थी. 26 जुलाई को बताया था कि 20 मिलीमीटर से अधिक बरसात होगी. लैंडस्लाइड और मड भी आ सकता है. हमने अपने अर्ली वार्निंग में कुछ मौतों की भी आशंका जताई थी.
केवल चार देशों के पास अर्ली वार्निंग सिस्टम
शाह ने कहा कि हमने केरल के अलावा भी अन्य राज्य को अर्ली वार्निंग दी हुई है. उन्होंने अच्छा काम भी किया. ओडिशा में नवीन बाबू की सरकार थी, हमने सात दिन पहले तूफान की आशंका जताई थी. उन्होंने अच्छा काम किया, इस वजह से मात्र एक व्यक्ति की मौत हुई. हमने पश्चिम बंगाल को भी अर्ली वार्निंग दी, उन्होंने भी बहुत अच्छा काम किया. बंगाल में मात्र 7 मवेशी मारे गए. विश्व का सबसे बेहतरीन अर्ली वार्निंग सिस्टम भारत के पास है. शाह ने आगे कहा कि मैं ताना नहीं दे रहा, बस बता रहा हूं कि हमारे पास बारिश, हीटवेव और बिजली गिरने तक का अर्ली वार्निंग सिस्टम है, जो कलेक्टर को डायरेक्ट सूचना देता है. साइट पर भी सभी के लिए यह सूचना उपलब्ध है. 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने 2016 में इस पर काम शुरू किया. 2000 रुपये खर्च हुए. सात दिन पहले अर्ली वार्निंग सिस्टम दुनिया के महज 4 देशों के पास है, जिसमें भारत भी शामिल है.
केरल सरकार अर्लट क्यों नहीं हुई
शाह ने सदन में बताया कि मेरे अनुमोदन पर एनडीआरएफ की नौ टीमें 23 तारीख को केरल के लिए रवाना हो गई थीं. 3 टीमें कल हुईं. केरल सरकार अगर एनडीआरएफ के पहुंचते ही अलर्ट हो गई तो जान बच सकती थी. केरल के लोगों को वहां से निकाला नहीं गया. लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जाना था. यह समय राजनीति का नहीं बल्कि लोगों के साथ खड़े होने का है. नरेंद्र मोदी की सरकार केरल के लोगों के साथ खड़ी है.