जम्मू-कश्मीर में पिछले तकरीबन 1 साल से आतंकवादी घुसपैठ जारी है.. इसी के मद्देनजर भारत सरकार ने एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक कदम उठाने का फैसला किया है. इसके तहत गृह मंत्रालय द्वारा बीएसएफ के डायरेक्टर जनरल नितिन अग्रवाल और बीएसएफ के स्पेशल डीजी वाईबी खुरानिया को पद से हटाकर उन्हें उनके मूल कैडर में भेज दिया गया है. बता दें कि, सरकार की इस कठोर कार्रवाई के तहत अग्रवाल को वापस केरल भेज दिया गया है, जबकि खुरानिया ओडिशा के लिए रवाना हो गए हैं.
गृह मंत्रालय ने इस कदम को Premature repatriation करार दिया है. भारत सरकार के इस कदम के बाद, विभाग के तमाम वरिष्ठतम अधिकारियों पर भी इसका गहरा असर पड़ा है.
कई सालों बात ऐसा हुआ..
इसके अतिरिक्त, सरकार के इस एक्शन के पीछे पंजाब सेक्टर से लगातार हो रही आतंकी घुसपैठ को सशक्त तरीके से कंट्रोल नहीं कर पाने को भी बड़ी वजह मानी जा रही है. मालूम है कि, ऐसा कई सालों में पहली दफा हुआ है, जब किसी अर्ध सैनिक बल की नेतृत्व कर रहे 2 वरिष्ठतम अधिकारियों को हटाया गया हो. मिली जानकारी के मुताबिक, सरकार जल्द ही इनकी जगह नए अधिकारियों को नियुक्त कर सकती है.
गृह मंत्रालय ने क्या कहा?
गौरतलब है कि, इस पूरे मामले को लेकर कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने अलग-अलग आदेशों में स्पष्ट किया है कि, नितिन अग्रवाल और वाईबी खुरानिया को "तत्काल प्रभाव से" "समय से पहले" वापस भेजा जा रहा है.
यहां मालूम हो कि, तकरीबन 2.65 लाख कर्मियों वाला बीएसएफ वेस्ट में पाकिस्तान और ईस्ट में बांग्लादेश से भारतीय सीमाओं की रक्षा करता है. वहीं अब रिक्त पदों का पदभार कौन-कौन संभालेंगे, इसका खुलासा आने वाले दिनों में हो जाएगा.