प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नाइजीरिया, ब्राजील और गुयाना की पांच दिवसीय यात्रा पर प्रस्थान किया है. यह दौरा भारत की वैश्विक कूटनीति को नई ऊंचाई देने और दक्षिणी गोलार्ध की प्राथमिकताओं को मजबूती से आगे बढ़ाने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है.
नाइजीरिया: रणनीतिक साझेदारी को नया आयाम
प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा का पहला पड़ाव नाइजीरिया है,जो पश्चिम अफ्रीकी क्षेत्र में भारत का एक प्रमुख साझेदार है. राष्ट्रपति बोला अहमद तिनुबु के निमंत्रण पर की जा रही यह यात्रा प्रधानमंत्री का नाइजीरिया का पहला दौरा है. 17 साल के अंतराल पर यह भारतीय राष्ट्रध्यक्ष की नाइजीरिया यात्रा होगी. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "हमारी साझेदारी लोकतंत्र और बहुलवाद की साझा सोच पर आधारित है. यह यात्रा व्यापार, निवेश और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के नए अवसर तलाशने का अवसर प्रदान करेगी." प्रधानमंत्री ने नाइजीरिया में भारतीय समुदाय से मिलने की इच्छा भी जताई, जिन्होंने हिंदी में संदेश भेजकर गर्मजोशी से उनका स्वागत किया है.
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ब्राजील: जी-20 शिखर सम्मेलन में वैश्विक सहयोग का नेतृत्व
ब्राजील में प्रधानमंत्री मोदी 19वें जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. भारत, एक ट्रोइका सदस्य के रूप में, अपनी सफल जी-20 अध्यक्षता के अनुभवों को साझा करेगा. पिछले साल भारत ने "जी-20" का दृष्टिकोण अपनाते हुए दक्षिणी गोलार्ध की प्राथमिकताओं को वैश्विक एजेंडा में शामिल किया था.
प्रधानमंत्री ने कहा, "ब्राज़ील ने भारत की विरासत को आगे बढ़ाते हुए 'एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य' की हमारी सोच को बल दिया है." इस शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री जलवायु परिवर्तन, आर्थिक विकास और डिजिटल बदलाव जैसे मुद्दों पर विश्व नेताओं के साथ विचार-विमर्श करेंगे.
गुयाना: पांच दशकों के बाद ऐतिहासिक दौरा
प्रधानमंत्री मोदी की गुयाना यात्रा ऐतिहासिक है, क्योंकि यह 50 से अधिक वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा होगी. राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली के निमंत्रण पर, यह दौरा भारत-गुयाना संबंधों को रणनीतिक दिशा देने के लिए किया जा रहा है.
प्रधानमंत्री ने कहा, "हमारे संबंध साझा सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर पर आधारित हैं." वह 185 साल पहले प्रवास कर चुके भारतीय समुदाय को श्रद्धांजलि देंगे और गुयाना की संसद को संबोधित करेंगे. यह भारत और गुयाना के लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति सम्मान को दर्शाता है.
भारत-केरिबियन सहयोग को नई दिशा
इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री भारत-केरिबियन देशों के साथ दूसरे भारत-कारिकॉम शिखर सम्मेलन में भी हिस्सा लेंगे. यह शिखर सम्मेलन ऐतिहासिक संबंधों को पुनर्जीवित करने और स्वास्थ्य, प्रौद्योगिकी और जलवायु परिवर्तन जैसे नए क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का अवसर प्रदान करेगा.
वैश्विक सहयोग और साझेदारी का संदेश
प्रधानमंत्री मोदी की तीन देशों की यह यात्रा भारत की वैश्विक नेतृत्व क्षमता और साझेदारी की भावना को मजबूत करती है. यह दौरा केवल राजनयिक संबंधों को नहीं बल्कि सांस्कृतिक और मानवीय जुड़ाव को भी गहरा करेगा. भारत की इस कूटनीतिक पहल से विश्व मंच पर न केवल भारत की स्थिति सुदृढ़ होगी, बल्कि वैश्विक सहयोग की दिशा में एक नया अध्याय भी लिखा जाएगा.