India China Relation: भारत-चीन सीमा मामलों पर विचार-विमर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र (WMCC) की 32वीं बैठक 5 दिसंबर 2024 को नई दिल्ली में आयोजित हुई. ईस्टर्न लद्दाख में डिसेंगेजमेंट के बाद दोनों देशों के बीच आधिकारिक स्तर की यह पहली बैठक थी. इस बैठक में भारतीय पक्ष का नेतृत्व पूर्वी एशिया के संयुक्त सचिव श्री गौरांगलाल दास ने किया, जबकि चीनी पक्ष का प्रतिनिधित्व चीन के विदेश मंत्रालय के बॉर्डर एंड ओशियनिक अफेयर्स विभाग के महानिदेशक श्री हॉन्ग लियांग ने किया.
2020 तनाव, डिसेंगेजमेंट और समाधान
बैठक में दोनों पक्षों ने हाल ही में हुए डिसएंगेजमेंट समझौते के सफल कार्यान्वयन की सराहना की, जिसके तहत 2020 में उभरे सीमा विवादों का समाधान पूरा हुआ. इस संदर्भ में, दोनों पक्षों ने अक्टूबर 2024 में कज़ान में भारत और चीन के नेताओं के बीच हुई बैठक के निर्णय के अनुरूप विशेष प्रतिनिधियों की अगली बैठक की तैयारी पर चर्चा की.
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सीमा स्थिति की समीक्षा और भविष्य की रणनीति
दोनों पक्षों ने सीमा क्षेत्रों की स्थिति की व्यापक समीक्षा की और 2020 की घटनाओं से सीखे गए सबक पर विचार किया. उन्होंने इन घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए नियमित राजनयिक और सैन्य स्तर पर संपर्क व संवाद की आवश्यकता पर भी जोर दिया.
शांति और स्थिरता के लिए सहमति
सीमा प्रबंधन को प्रभावी बनाने और शांति व स्थिरता बनाए रखने के लिए, दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय समझौतों, प्रोटोकॉल और आपसी सहमतियों का पालन करने पर सहमति जताई. यह निर्णय दोनों देशों के बीच मूलभूत विश्वास और सौहार्दपूर्ण संबंधों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लिया गया.
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चीन के प्रतिनिधि की विदेश सचिव से भेंट
बैठक के दौरान, चीनी प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख श्री हॉन्ग लियांग ने भारत के विदेश सचिव से भी शिष्टाचार भेंट की. इस दौरान उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने पर चर्चा की. डब्ल्यूएमसीसी की यह बैठक भारत-चीन संबंधों में सकारात्मक संवाद और सहयोग को प्रोत्साहित करने का संकेत देती है.
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डिसेंगेजमेंट के साथ हीं डेमचोक और देपसांग में पेट्रोलिंग की पूर्ववर्ती स्थिति बहाल हो गई है लेकिन अभी भी दोनों तरफ से गोगरा, हॉट स्प्रिंग, पेंगोंग लेक और गलवान पीपी 14 की ओर पेट्रोलिंग की पूर्ववर्ती स्थिति बहाल होनी बाकी है. WMCC की बैठक में दोनों पक्षों ने सीमा विवादों के स्थायी समाधान और भविष्य में शांति एवं स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए मजबूत प्रतिबद्धता व्यक्त की. यह बैठक क्षेत्रीय स्थिरता और आपसी विश्वास के निर्माण की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है.