India China Relations: चीन का भारत को बड़ा तोहफा, एक साथ दी 3 बड़ी राहतें!

भारत ने पिछले कुछ महीनों से चीन के इन फैसलों पर खुलकर नाराजगी जताई थी. खासकर उर्वरकों पर अचानक लगाए गए बैन का सीधा असर किसानों और रबी सीजन की तैयारियों पर पड़ा था.

भारत ने पिछले कुछ महीनों से चीन के इन फैसलों पर खुलकर नाराजगी जताई थी. खासकर उर्वरकों पर अचानक लगाए गए बैन का सीधा असर किसानों और रबी सीजन की तैयारियों पर पड़ा था.

author-image
Mohit Sharma
New Update

भारत और चीन के बीच रिश्तों पर जमी बर्फ पिघलने लगी है. भारत और चीन के रिश्तों में हाल के दिनों में जिस ठहराव और तनाव का दौर चल रहा था, उसके बीच सोमवार को एक अहम घटनाक्रम सामने आया. चीन ने भारत को एक साथ तीन बड़ी राहत दी है. दरअसल, बीजिंग ने भारत के लिए उर्वरकों, रेयर अर्थ मिनरल्स और टनल बोरिंग मशीनों के निर्यात पर लगा प्रतिबंध हटा लिया है. यह वही तीन क्षेत्र थे जिन पर रोक लगने से भारत की अर्थव्यवस्था, कृषि और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पर सीधा असर पड़ा था. विदेश मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक चीनी विदेशी मंत्री वांग ई ने नई दिल्ली में विदेश मंत्री डॉक्टर एस जयशंकर से मुलाकात के दौरान इस फैसले की औपचारिक जानकारी दी और भरोसा दिलाया कि चीन भारत की चिंताओं को गंभीरता से ले रहा है. यही नहीं भारत को इन तीनों श्रेणियों में शिपमेंट्स मिलना भी शुरू हो जाएगा.

Advertisment

दरअसल, भारत ने पिछले कुछ महीनों से चीन के इन फैसलों पर खुलकर नाराजगी जताई थी. खासकर उर्वरकों पर अचानक लगाए गए बैन का सीधा असर किसानों और रबी सीजन की तैयारियों पर पड़ा था. डाई ओमिनियम फास्फेट जैसे अहम खाद की सप्लाई रुकने से राज्यों में संकट खड़ा हो गया था. इसके अलावा टनल बोरिंग मशीनों की सप्लाई बंद होने से भारत के कई बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स अटकने के कगार पर पहुंच गए थे. इनमें मेट्रो और हाइड्रो प्रोजेक्ट्स भी इनमें मेट्रो और हाइड्रो प्रोजेक्ट्स जैसी योजनाएं शामिल थी. इसी तरह ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री भी रेयर अर्थ मिनरल्स पर बैन से दबाव महसूस कर रही थी. चीन दुनिया का सबसे बड़ा रेयर अर्थ उत्पादक है और इन मिनरल्स के बिना मैग्रेटस, बैटरी, हाईटेक डिवाइस और डिफेंस इक्विपमेंट तक का उत्पादन प्रभावित होता है.

 उद्योग जगत को आशंका थी कि अगर यह बैन जारी रहा तो मैन्युफैक्चरिंग पर गहरा संकट आ सकता है. अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकारों की मानें तो चीन का यह कदम दोनों देशों के रिश्तों को एक नई दिशा दे सकता है. दरअसल, पिछले महीने एलएसी पर तनाव कम करने के तहत सैनिकों की आंशिक वापसी हुई थी. उसके बाद से वांगई और जयशंकर की दो बार के दौरों या कहें मुलाकात हो चुकी है. इन्हीं बातचीतों का नतीजा है कि अब धीरे-धीरे आर्थिक और कारोबारी मोर्चे पर भी पाबंदियां ढीली की जा रही है. विदेश मंत्री डॉक्टर जयशंकर ने इस मुलाकात के दौरान साफ कहा कि भारत चीन संबंधों का दायरा बहुत व्यापक है और पड़ोसी देशों के तौर पर दोनों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि रिश्ते स्थिर और रचनात्मक बने रहे.

जयशंकर ने यह भी जोर देकर कहा कि एक दूसरे के खिलाफ प्रतिबंध लगाना व्यापारिक कदमों और कृत्रिम बाधाओं से बचा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर संबंध पारस्परिक सम्मान और हितों के आधार पर आगे बढ़ते हैं ना बल्कि दोनों देशों बल्कि पूरे दुनिया को इसका फायदा मिलेगा. यह समझौता ऐसे समय हुआ है जब अमेरिका ने भारत पर दबाव बढ़ा दिया है. ट्रंप प्रशासन ने रूस से भारत के रिश्तों की आलोचना करते हुए 25% अतिरिक्त नेशनल सिक्योरिटी टेरेफ लगा दिया है. जिससे कई उत्पादों पर कुल 50% तक टैक्स लग गया है. वहीं दूसरी ओर अमेरिका ने चीन के प्रति नरमी दिखाते हुए ट्रेड वॉर सीज फायर को 90 दिन के लिए बढ़ा दिया है और हाईटेक चिप्स के निर्यात पर भी ढील दी है. 

India-china relation after Modi India China Relation india-china relationship India-China Relations
Advertisment