RHUMI- 1 Launching: भारत अपनी युद्ध क्षमताओं को बढ़ाने के लिए लगातार नए प्रयोग कर रहा है. जिससे दुश्मन की नापाक हरकतों का तुरंत मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके. इसी कड़ी में भारत ने शनिवार को अपना पहला रीयूजेबल हाइब्रिड रॉकेट RHUMI-1 की लॉन्चिंग की. इस रॉकेट का प्रक्षेपण चेन्नई के थिरुविदंधई से किया गया. इस रॉकेट को तमिलनाडु स्थित स्टार्ट-अप स्पेस जोन इंडिया ने मार्टिन समूह के साथ मिलकर विकसित किया है.
इस रॉकेट के साथ 3 क्यूब उपग्रहों और 50 पीआईसीओ उपग्रहों को भी लॉन्च किया गया. रॉकेट को एक मोबाइल लांचर का उपयोग करके एक उपकक्षीय प्रक्षेपवक्र में लॉन्च किया गया. जिन उपग्रहों को इस रॉकेट से लॉन्च किया गया है वे उपग्रह ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन पर अनुसंधान उद्देश्यों के लिए डेटा एकत्र करेंगे.
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ये हैं RHUMI- 1 रॉकेट की खासियत
बता दें कि RHUMI रॉकेट एक जेनेरिक-ईंधन-आधारित हाइब्रिड मोटर और विद्युत चालित पैराशूट डिप्लॉयर से सुसज्जित है, RHUMI सौ फीसदी आतिशबाज़ी-मुक्त और जीरो प्रतिशत TNT है. मिशन RHUMI का नेतृत्व इसरो सैटेलाइट सेंटर (ISAC) के पूर्व निदेशक डॉ. मायलस्वामी अन्नादुरई के मार्गदर्शन में, स्पेस ज़ोन के संस्थापक आनंद मेगालिंगम द्वारा किया जाता है. RHUMI-1 रॉकेट दक्षता में सुधार और परिचालन लागत को कम करने के लिए तरल और ठोस ईंधन प्रणोदक प्रणालियों दोनों के फायदों को जोड़ता है.
#WATCH | India launches its first reusable hybrid rocket, RHUMI 1. The rocket, developed by the Tamil Nadu-based start-up Space Zone India and Martin Group was launched from Thiruvidandhai in Chennai using a mobile launcher. It carries 3 Cube Satellites and 50 PICO Satellites… pic.twitter.com/Io97TvfNhE
— ANI (@ANI) August 24, 2024
क्या है स्पेस जोन इंडिया?
बता दें कि इस रॉकेट को स्पेस ज़ोन इंडिया चेन्नई के साथ मिलकर विकसित किया गया है जो एक एयरो-टेक्नोलॉजी कंपनी है जिसका लक्ष्य अंतरिक्ष उद्योग में कम लागत, दीर्घकालिक समाधान प्रदान करना है. स्पेस जोन इंडिया (एसजेडआई) वायुगतिकीय सिद्धांतों, उपग्रह प्रौद्योगिकी, ड्रोन प्रौद्योगिकी और रॉकेट प्रौद्योगिकी पर व्यावहारिक प्रशिक्षण अनुभव प्रदान करती है. यह इस उद्योग में करियर विकल्पों के बारे में जागरूकता भी पैदा करता है. एसजेडआई निजी संस्थानों, इंजीनियरिंग और कला और विज्ञान कॉलेजों और निजी और सरकारी स्कूलों के साथ काम करता है.
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साल 2023 में मिशन 'डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम छात्र उपग्रह प्रक्षेपण- 2023 में देश भर के सरकारी, आदिवासी और सार्वजनिक स्कूलों के 2,500 से अधिक छात्रों ने एक छात्र उपग्रह प्रक्षेपण वाहन के डिजाइन और निर्माण में योगदान दिया. वाहन 150 पिको उपग्रह अनुसंधान प्रयोग क्यूब्स का पेलोड ले जा सकता है.
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