PM Modi Safa On Independence Day 2024: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 78वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ऐतिहासिक लाल किले से राष्ट्र को संबोधित करते हुए एक बार फिर अपनी अनोखी साफा शैली से सबका ध्यान खींचा. इस बार उन्होंने सफेद कुर्ता-चूड़ीदार पायजामा और आसमानी रंग की बंद गला जैकेट के साथ बहुरंगी लहरिया प्रिंट का साफा पहना. प्रधानमंत्री ने लगातार 11वीं बार राष्ट्रीय ध्वज फहराया और अपने भाषण में देश के विकास और भविष्य की योजनाओं का खाका पेश किया.
रंग-बिरंगे साफों की परंपरा
आपको बता दें कि 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से मोदी स्वतंत्रता दिवस पर हमेशा खास साफा पहनते रहे हैं. इस साल केसरिया, पीले और हरे रंग का साफा उनकी परंपरा का हिस्सा बना. यह साफा उनके व्यक्तित्व और विचारों में समाहित विविधता और एकता का प्रतीक माना जा सकता है. इससे पहले 76वें स्वतंत्रता दिवस पर उन्होंने तिरंगे की धारियों वाला सफेद साफा पहना था.
वहीं 2019 में लगातार दूसरी बार सत्ता में लौटने के बाद, मोदी ने लाल और हरे रंग का बंधेज साफा पहना था, जो उनकी शैली का प्रतीक बन गया था. पहली बार 2014 में प्रधानमंत्री बनने पर उन्होंने गहरे लाल और हरे रंग का जोधपुरी बंधेज साफा पहनकर लाल किले से राष्ट्र को संबोधित किया था.
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स्वतंत्रता दिवस पर मोदी की साफा शैली
बता दें कि 2015 में प्रधानमंत्री ने पीले रंग का साफा पहना, जिस पर बहुरंगी धारियां थीं. 2016 में उन्होंने गुलाबी और पीले रंग का लहरिया 'टाई एंड डाई' साफा चुना. वहीं 2017 में सुनहरी धारियों वाले चटकीले लाल रंग के साफे ने सबका ध्यान खींचा. 2018 में केसरिया रंग का साफा उनके व्यक्तित्व की गरिमा को और बढ़ाता हुआ नजर आया.
वहीं प्रधानमंत्री मोदी केवल स्वतंत्रता दिवस ही नहीं, बल्कि गणतंत्र दिवस के मौकों पर भी अपने साफे से सुर्खियां बटोरते रहे हैं. चाहे कच्छ की लाल बांधनी हो या पीला राजस्थानी साफा, हर अवसर पर उनकी साफा शैली लोगों को आकर्षित करती है.
मनमोहन सिंह से आगे निकले
इसके अलावा आपको बता दें कि स्वतंत्रता दिवस पर लगातार 11वीं बार तिरंगा फहराने के साथ ही मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पीछे छोड़ दिया, जिन्होंने 2004 से 2014 के दौरान 10 बार लाल किले से तिरंगा फहराया था.
मोदी का फैशन और संदेश
बहरहाल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साफे का चयन केवल फैशन तक सीमित नहीं है. यह उनके विचारों, सांस्कृतिक जुड़ाव और भारत की विविधता को दर्शाता है. चाहे स्वतंत्रता दिवस हो या गणतंत्र दिवस, उनका हर साफा एक अलग संदेश और संस्कृति का प्रतीक बनकर उभरता है.