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यूक्रेन संघर्ष में रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल, रूस के साथ बढ़ी अमेरिका की तनातनी

Russia Ukraine War: अमेरिका ने रूस पर यूक्रेन युद्ध में घातक 'चोकिंग एजेंट' रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है, हालांकि रूस ने इस आरोप को खारिज कर दिया है और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने इसकी जांच और स्पष्टीकरण की मांग की है.

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Ritu Sharma
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Russia Ukraine War

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Russia Ukraine War: यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध ने एक नया मोड़ लिया है, जहां अमेरिका ने रूस पर यूक्रेनी सैनिकों को बेदखल करने के लिए एक घातक रासायनिक हथियार 'चोकिंग एजेंट' के इस्तेमाल का आरोप लगाया है. रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल का यह आरोप अमेरिका की ओर से उस समय आया है, जब युद्ध पहले से ही तीव्र हो रहा है और दोनों पक्षों के बीच हिंसा की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं.

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क्या है 'चोकिंग एजेंट'?

आपको बता दें कि 'चोकिंग एजेंट' एक प्रकार का रासायनिक पदार्थ होता है, जो श्वसन प्रणाली को प्रभावित करता है और व्यक्ति को दम घुटने जैसी स्थिति में ले आता है. इस तरह के रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल 20वीं सदी के शुरुआती विश्व युद्धों में भी हुआ था, जहां क्लोरीन और फॉस्जीन जैसी गैसों का उपयोग किया गया था. इस एजेंट का असर फेफड़ों पर होता है, जिससे सांस लेने में कठिनाई, खांसी और घुटन जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं. ऐसे एजेंट्स का उद्देश्य युद्ध में दुश्मन के सैनिकों को बेबस और कमजोर करना होता है, ताकि उन्हें आसानी से हटाया जा सके.

अमेरिका का दावा

वहीं आपको बता दें कि अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि रूस ने यूक्रेन के युद्धक्षेत्रों में इस रासायनिक हथियार का इस्तेमाल किया है, विशेष रूप से उन इलाकों में जहां यूक्रेनी सैनिक दृढ़ता से प्रतिरोध कर रहे थे. अमेरिका ने इस बारे में अंतरराष्ट्रीय समुदाय को सतर्क किया है और इसे जेनेवा कन्वेंशन जैसे अंतरराष्ट्रीय मानदंडों का उल्लंघन बताया है, जिसमें रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल पर सख्त प्रतिबंध हैं. बता दें कि अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने यह भी दावा किया है कि रूस का यह कदम युद्ध में तेजी से बदलती परिस्थितियों का परिणाम है, जहां यूक्रेनी सैनिक लगातार अपनी स्थिति मजबूत कर रहे हैं. अमेरिका ने रूस की इस कार्रवाई को न केवल युद्धक आचार संहिता का उल्लंघन माना है, बल्कि इसे रूस की हताशा का प्रतीक भी बताया है.

रूस का पलटवार

साथ ही बताते चले कि रूस ने अमेरिकी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है और कहा है कि यह अमेरिका का एक और प्रचार अभियान है, जो दुनिया का ध्यान भटकाने के लिए किया जा रहा है. मास्को का कहना है कि उनका सैन्य अभियान पूरी तरह से अंतरराष्ट्रीय कानूनों और मानदंडों के अनुरूप है. रूसी रक्षा मंत्रालय ने अमेरिका के आरोपों को 'बेबुनियाद' और 'गलत जानकारी' करार देते हुए जोर देकर कहा कि वे किसी भी प्रकार के रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं. रूस ने यह भी दावा किया कि यूक्रेनी सेना खुद झूठी सूचनाएं फैलाकर रूस को बदनाम करने की कोशिश कर रही है.

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

इसके अलावा आपको बता दें कि अमेरिका के इस दावे के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय में हलचल बढ़ गई है. नाटो और यूरोपीय संघ ने इस मुद्दे पर रूस से स्पष्टीकरण मांगा है. अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने भी इस मामले पर गंभीर चिंता जताई है और रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल की सख्त निंदा की है. संयुक्त राष्ट्र ने इस मामले की जांच की मांग की है और कहा है कि यदि रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल साबित होता है, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं.

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