Malabar Naval Exercise: इस बार भारत मालाबार नौसेना अभ्यास की मेजबानी कर रहा है. 10 दिनों तक चलने वाले इस अभ्यास में चार देशों की नौसेना शामिल होगी. जिसमें भारत के अलावा संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान की नौसेना शामिल होगी. नौसैनिक अभ्यास की शुरुआत 8 अक्टूब यानी मंगलवार से होगी. जो 18 अक्टूबर तक चलेगा.
यहां से होगी मालाबार अभ्यास की शुरुआत
10 दिवसीय मालाबार अभ्यास की शुरुआत विशाखापत्तनम में हॉर्बर चरण से होगी. इसके बाद चारों देशों की नौसेना समुद्र चरण का अभ्यास पूरा करेंगी. पूरे अभ्यास के दौरान चारों देशों की नौसेनाएं जटिल नौसैनिक अभ्यास करती दिखेंगी. भारतीय नौसेना की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक, इस अभ्यास में कई भारतीय नौ सैनिक प्लेटफार्म हिस्सा लेंगे. इस अभ्यास के दौरान मिसाइल विध्वंसक, पनडुब्बियां, लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर शामिल होंगे.
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ये होगा नौसैनिक अभ्यास का केंद्र
नौसेना के अधिकारियों के मुताबिक, यह अभ्यास सहयोग और परिचालन क्षमताओं को बढ़ाने देने के लिए डिजाइन की गई गतिविधियों की एक विस्तृत श्रृंखला पर केंद्रित है. इस दौरान सतह, वायु और पनडुब्बी रोधी युद्ध का अभ्यास किया जाएगा. इस अभ्यास के दौरान समुद्र में पनडुब्बी रोधी युद्ध, सतही युद्ध और वायु रक्षा अभ्यास जैसे जटिल समुद्री अभियान चलाए जाएंगे.
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1992 में शुरू हुआ था नौसैनिक अभ्यास
बता दें कि मालाबार नौसैनिक अभ्यास पहली बार साल 1992 में किया गया था. तब इस नौसैनिक अभ्यास में भारत और अमेरिका के बीच एक वार्षिक द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास की सहमति बनी थी. साल 2015 में जापान ने भी इस नौसेना सैनिक अभ्यास में भाग लिया था. वहीं साल 2020 में ऑस्ट्रेलियाई नौसेना ने भी इस अभ्यास में अपनी भागीदारी निभाई थी. बता दें कि इस अभ्यास का प्रमुख उद्देश्य हिंद प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा चुनौतियों को समझना और उन्हें मिलकर दूर करना है.
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अभ्यास में शामिल होंगे हेलीकॉप्टर समेत ये लड़ाकू विमान
इस नौसैनिक अभ्यास में भारतीय नौसेना के अलग-अलग दल शामिल होंगे. इसमें गाइडेड मिसाइल विध्वंसक, बहुउद्देश्यीय फ्रिगेट, पनडुब्बी, फिक्स्ड विंग MR, लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर शामिल हैं. जबकि ऑस्ट्रेलिया की ओर से MH-60R हेलीकॉप्टर और P-8 समुद्री गश्ती विमान के साथ-साथ एक एन्जैक क्लास फ्रिगेट HMAS स्टुअर्ट को शामिल किया जाएगा.