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मोजाम्बिक की समुद्री सुरक्षा में भारत निभाएगा अहम भूमिका, सौंपी दो नई इंटरसेप्टर बोट्स

दुनियाभर के देशों के साथ के संबंध मधुर हो रहा है. 'पड़ोसी प्रथम' नीति के तहत देश के पड़ोसी देश करीब आ रहे हैं, लेकिन भारत दुनिया के दूसरे देशों की मदद करने से भी पीछे नहीं हट रहा है.

Suhel Khan और Madhurendra Kumar
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interceptor boats

भारत ने मोजाम्बिक को सौंपी दो नई इंटरसेप्टर बोट्स

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इंडियन ओसियन रेंज यानि भारतीय महासागर क्षेत्र में सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए भारत ने एक और अहम कदम उठाया है. भारत सरकार ने शुक्रवार (8 नवंबर) को मोज़ाम्बिक सरकार को दो जल-प्रेरित फास्ट इंटरसेप्टर क्राफ्ट (FIC) उपहार स्वरूप सौंप दिए. ये इंटरसेप्टर INS गारियल के माध्यम से भारत से मोजाम्बिक के नाकाला बंदरगाह पर पहुंचाए गए.

इस अवसर पर भारतीय उच्चायुक्त रॉबर्ट शेटकिंटोंग, मोजाम्बिक में भारत के नव-नियुक्त रक्षा सलाहकार कर्नल पुनीत अत्रि और INS गारियल के कमांडिंग ऑफिसर कमांडर राजन चिब उपस्थित थे. मोजाम्बिक के रक्षा मंत्रालय के स्थायी सचिव ऑगस्टो कासिमिरो मुएइयो ने औपचारिक रूप से इन जहाजों को मोजाम्बिक सरकार की ओर से स्वीकार किया.

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क्या है इंटरसेप्टर बोट की खासियत

बता दें कि इन इंटरसेप्टर बोट की खासियत ये है कि ये जल-प्रेरित बोट्स 45 नॉट्स की अधिकतम गति से चल सकती हैं और 12 नॉट्स की रफ्तार पर 200 समुद्री मील की रेंज कवर कर सकती हैं. ये बोट्स पांच कर्मियों की टीम के साथ चल सकती हैं और मशीन गन एवं बुलेट-प्रतिरोधी केबिन से लैस हैं. इन FICs के माध्यम से मोजाम्बिक सरकार को समुद्री आतंकवाद और काबो डेलगाडो प्रांत में जारी उग्रवाद से निपटने में मदद मिलेगी. इससे पहले, भारत सरकार ने 2019 में मोजाम्बिक को दो बड़े इंटरसेप्टर जहाज और जनवरी 2022 में इसी श्रेणी के दो FICs उपहारस्वरूप दिए थे.

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इंडियन ओसियन रेंज में क्या है सबसे बड़ी चुनौती?

भारतीय नौसेना को भारतीय महासागर क्षेत्र में कई देशों द्वारा समुद्री सुरक्षा के लिए एक विश्वसनीय सहयोगी माना जाता है. भारतीय नौसेना ने कई मित्र राष्ट्रों के साथ मिलकर समुद्री सुरक्षा, समुद्री आतंकवाद, मादक पदार्थों एवं मानव तस्करी, अवैध और अनियमित मछली पकड़ने जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए उनके सुरक्षाबलों को प्रशिक्षित किया है.

इसके अलावा आपदा और संकट के समय में भी भारतीय नौसेना द्वारा मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) प्रदान की गई है. मार्च 2019 में, जब चक्रवात इदाई मोजाम्बिक के सोफाला प्रांत में आया तो भारतीय नौसेना के जहाज सुजाता, शार्दूल और तटरक्षक जहाज सारथी ने बचाव अभियान चलाते हुए 200 से अधिक नागरिकों की जान बचाई थी. इसके साथ ही कीब 2,300 लोगों को चिकित्सीय सहायता एवं 10 टन खाद्य सामग्री भी प्रदान की थी.

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भारत मोजांबिक संबंध कितने अहम?

बता दें कि मार्च 2021 में, कोविड-19 महामारी के दौरान भारत सरकार ने COVAX कार्यक्रम के तहत मोजाम्बिक को 1 लाख वैक्सीन डोज और एक मिलियन से अधिक कोविशील्ड की खुराक प्रदान की थी. इसके अतिरिक्त, भारतीय सशस्त्र बलों के विभिन्न प्रशिक्षण संस्थानों में मोजाम्बिक सशस्त्र बलों के कर्मियों को प्रशिक्षण के अवसर दिए गए हैं. भारत ने पिछले वर्ष नवंबर में मोजाम्बिक को एक इन्फैंट्री वेपन ट्रेनिंग सिम्युलेटर भी उपहार में दिया था, जो मनीका स्थित आर्मी प्रैक्टिस स्कूल में स्थापित किया गया है.

भारत द्वारा प्रदान की गई बोट्स के संचालन और देखभाल के लिए ऑन-जॉब प्रशिक्षण भारतीय तटरक्षक अफ्लोट सपोर्ट टीम द्वारा मापुटो में किया जा रहा है. भारत और मोजाम्बिक के बीच यह सामरिक साझेदारी हर वर्ष मजबूत हो रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रस्तुत क्षेत्र में सुरक्षा और विकास (SAGAR) के दृष्टिकोण के तहत भारत अपने महासागरीय पड़ोसियों की सुरक्षा और विकास के लिए प्रतिबद्ध है.

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