India US Predator Drones Deal: भारत लगातार अपनी सैन्य ताकत में इजाफा कर रहा है. इसी के साथ भारत ने अब अमेरिका के साथ 31 प्रीडेटर ड्रोन को खरीदने की डील पक्की कर ली है. बता दें कि भारत ने इन ड्रोन को खरीदने के लिए अमेरिका के साथ 3.3 बिलियन डॉलर यानी करीब 28 हजार करोड़ रुपये की डील की है. यानी एक ड्रोन पर भारत करीब 900 करोड़ रुपये खर्च कर रहा है.
कैबिनेट सुरक्षा समिति से मिली मंजूरी
बता दें कि इस ड्रोन की खरीद के लिए कैबिनेट सुरक्षा समिति ने मंजूरी दे दी है. इस डील से भारतीय सेना की ताकत में इजाफा होगा. क्योंकि ये अत्याधुनिक ड्रोन भारतीय सेनाओं को खासकर चीन के साथ विवादित सीमाओं पर निगरानी करने में मदद करेंगे. बता दें कि इन प्रीडेटर ड्रोन की डिलीवरी 4 साल में शुरू होगी. जिसे छह साल में पूरा कर लिया जाएगा. इनमें से 15 सी गार्डियन ड्रोन भारतीय नौसेना को दिए जाएंगे. वहीं वायु सेना और थल सेना को 8-8 स्काई गार्डियन ड्रोन मिलेंगे. बता दें कि ये ड्रोन सिर्फ निगरानी के लिए नहीं, बल्कि युद्धक भूमिका में भी नजर आएंगे.
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जानें क्या है इन प्रीडेटर ड्रोन की खूबियां
दरअसल, प्रीडेटर ड्रोन की सबसे बड़ी खासियत उनकी लंबी उड़ान क्षमता है. प्रीडेटर का हिंदी में अर्थ दरिंदा होता है. यानी ये ड्रोन भारत के दुश्मन के लिए किसी दरिंदे से कम नहीं होगा. इसके अलावा ये ड्रोन 40,000 फीट से भी अधिक ऊंचाई पर 40 घंटे तक उड़ान भरने में सझम है. जिससे ये लगातार निगरानी की जा सकेगी साथ ही हमले के वक्त हमला भी किया जा सकता है.
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इन ड्रोन में हेलफायर मिसाइलें और स्मार्ट बम लगे हुए हैं. जो उन्हें युद्ध के मैदान में एक अचूक हथियार बन जाते हैं. इनकी सटीकता और विनाशकारी शक्ति का भी काफी ज्यादा है. इनके इस्तेमाल से ही अलकायदा के प्रमुख ज़ैमन अल-जवाहिरी को काबुल में मार गिराया था.
समुद्री क्षेत्रों में निगरानी में सक्षम
यही नहीं सी गार्डियन ड्रोन विशेष रूप से समुद्री क्षेत्रों की निगरानी के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. ये न केवल समुद्री सुरक्षा में अहम भूमिका निभाएगा बल्कि पनडुब्बी युद्ध और लंबी दूरी के लक्ष्य को साधने में भी कामयाब है. जबकि स्काई गार्डियन ड्रोन भूमि पर युद्ध के दौरान सेना के लिए अचूक हथियार का काम करेगा. ये ड्रोन चार हेलफायर मिसाइलें और 450 किलोग्राम तक बम ले जाने में सक्षम है.
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