LAC पूर्वी लद्दाख में देपसांग और डेमचोक इलाके में शुरू हुआ डिसेंगेजमेंट का प्रोसेस इसी महीने के आखिर तक सम्पन्न कर लिया जाएगा.
आर्मी सोर्सेज के मुताबिक तेजी से जारी इस डिसेंगेजमेंट की प्रक्रिया को 28 से 29 अक्टूबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. 30 अक्टूबर से भारतीय सेना इस इलाके में अप्रैल 2020 से पहले की तरह सशस्त्र पेट्रोलिंग बहाल कर देगी. भारत और चीन के बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर जो महत्वपूर्ण समझौता हुआ है वह वर्तमान में केवल दो प्रमुख क्षेत्रों, डेपसांग और डेमचोक तक सीमित है. इन क्षेत्रों में डिसएंगेजमेंट की प्रक्रिया 23 अक्टूबर से शुरू हो चुकी है.
समझौता की मुख्य बातें
1. केवल दो क्षेत्रों में समझौता: यह समझौता अभी केवल डेपसांग और डेमचोक के लिए है. इन क्षेत्रों में संघर्ष अपेक्षाकृत कम था, और समझौते के अनुसार दोनों देशों के सैनिक पूर्व निर्धारित स्थानों पर लौटेंगे. देपसांग इलाके में चीनी सेना ने अपनी गाड़ियों के साथ अपना शामियाना तान रखा था जबकि डेमचोक इलाके में टेंट के साथ इंफ्रास्ट्रक्चर भी डेवलप किया था जिसे तोड़ा जा रहा है.
2. अन्य क्षेत्रों में बातचीत जारी: गोगरा, हॉट स्प्रिंग्स, गलवान, और पैंगोंग झील के उत्तर-दक्षिण तट के पेट्रोलिंग प्वाइंट्स पर स्थिति बहाल करने के लिए वार्ता जारी है. भारत स्पष्ट कर चुका है कि पूर्ण समझौता तभी होगा जब अप्रैल 2020 की स्थिति सभी क्षेत्रों में बहाल होगी. इन इलाकों में 2022 में डिसेंगेजमेंट का प्रोसेस पूरा हुआ था लेकिन पेट्रोलिंग बहाल अभी तक नहीं हुई है.
3. डिसएंगेजमेंट की प्रक्रिया में प्रगति: ग्राउंड लेवल पर कमांडर्स की नियमित बातचीत से डिसएंगेजमेंट को आगे बढ़ाया जा रहा है. कुछ विशेष पेट्रोलिंग बल तय किए गए हैं, और चीन को सूचित कर दिया गया है कि भारत कब से पेट्रोलिंग शुरू करेगा.
प्रक्रिया और सुरक्षा प्रबंधन
डिसएंगेजमेंट की प्रक्रिया इस महीने के अंत तक, 28-29 अक्टूबर तक, पूरी हो जाएगी. इसके बाद, भारतीय सैनिक अपने पारंपरिक पेट्रोलिंग प्वाइंट्स तक पहुंचेंगे. सभी उपकरण निर्धारित क्षेत्रों में भेजे जाएंगे और सैनिकों को अपने परसेप्टेड LAC के पीछे ले जाया जाएगा. चाहे टेंट हों या अस्थायी शेड, सब कुछ पीछे किया जाएगा. इस दौरान, सुरक्षा और निगरानी का भी विशेष ध्यान रखा जाएगा ताकि स्थिति नियंत्रण में रहे और किसी भी प्रकार का नया विवाद न हो.
भविष्य की रणनीति
भारत और चीन ने यह तय किया है कि पारंपरिक पेट्रोलिंग प्वाइंट्स पर सैनिक फिर से पेट्रोलिंग शुरू करेंगे. इस प्रक्रिया में दोनों पक्ष अपनी परसेप्टेड LAC के पीछे हटेंगे और स्थिरता बनाए रखेंगे.साथ हीं ऑब्जर्वेशन की स्थिति बनी रहेगी शांति व्यवस्था में कोई खलल न पड़े.