Rahul Gandhi Speech on Constitution Day: आज देश के संविधान को अंगीकार हुए 75 साल हो गए. इस मौके पर देशभर में कई कार्यक्रम किए जा रहे हैं. इस मौके पर पुराने संसद के केंद्रीय कक्ष में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया. जिसमें उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, केंद्रीय मंत्री समेत तमाम सांसद मौजूद रहे. इस दौरान हमारा संविधान हमारा स्वाभिमान अभियान की शुरुआत हुई जो पूरे साल चलेगा. बता दें कि देश के संविधान को 26 नवंबर 1949 को अंगीकार किया गया था, जिसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया.
कांग्रेस ने शुरू किया 'संविधान रक्षक अभियान'
इस कार्यक्रम के बाद कांग्रेस ने भी भी 'संविधान रक्षक अभियान' की शुरुआत की. जो अगले साल 26 जनवरी तक चलेगा. इस मौके पर राहुल गांधी ने कहा कि, 'संविधान एक किताब नहीं है ये हिंदुस्तान की हजारों साल की सोच है और 21वीं सदी में हिंदुस्तान की सामाजिक सशक्तिकरण की सोच है वो इसके अंदर है.'
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संविधान में सामाजिक सशक्तिकरण- राहुल गांधी
राहुल गांधी ने आगे कहा कि सामाजिक सशक्तिकरण जो सोच है, अंबेडकर जी की, फुले जी की, बुद्ध भगवान की, गांधी जी की वो इसके अंदर है आप किसी भी राज्य में चले जाइए, केरल में नारायण गुरू, कर्नाटक में बसवनाजी, फुलेजी, शिवाजी महाराज हर राज्य में आपको ऐसे दो तीन नाम मिलेंगे, जिनकी सोच आपको इस किताब में मिलेगी.
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'अहिंसा का रास्ता दिखाता है भारत का संविधान'
राहुल गांधी ने कहा कि इस किसी में कहीं लिखा है कि हिंसा का प्रयोग करना चाहिए, इसमें कहीं लिखा है कि किसी व्यक्ति को मारना, चाहिए, लड़ाना चाहिए, काटना चाहिए. ये सत्य और अहिंसा की किताब है. राहुल गांधी ने कहा कि ये हिंदुस्तान का सत्य है और ये अहिंसा का रास्ता दिखाता है. कुछ दिन पहले तेलंगाना में हमने जातिगत जनगणना का काम शुरू किया, पहली बार जातिगत जनगणना को जनता की एक्ससाइज बना दिया गया है.
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