INS Vikrant Joins Western Naval Command: भारतीय नौसेना की ताकत में लगातार इजाफा किया जा रहा है. इस बीच शुक्रवार को नौसेना के पश्चिमी बेड़े में एक और स्वदेशी विमानवाहक पोत शामिल हो गया. दरअसल, शुक्रवार को स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत आधिकारिक तौर पर नौसेना के पश्चिमी बेड़े में शामिल हो गया. इस विमानवाहक पोत के नौसेना की 'स्वोर्ड आर्म' की समुद्री शक्ति और पहुंच में बढ़ोतरी होगी.
इस बारे में नौसेना के वेस्टर्न नवल कमांड ने एक ट्वीट कर जानकारी दी. बता दें कि पश्चिमी बेड़ा मुंबई मुख्यालय वाले पश्चिमी नौसेना कमान (डब्ल्यूएनसी) का हिस्सा है. भारतीय नौसेना के एक प्रवक्ता ने बताया कि, "आईएनएस विक्रमादित्य के नेतृत्व में कैरियर बैटल ग्रुप ने आईएनएस विक्रांत को मल्टी डोमेन अभ्यास और अरब सागर में जुड़वां वाहक लड़ाकू संचालन के साथ शामिल किया गया है."
ये भी पढ़ें: 'कांग्रेस में घुस गया है नफरत का भूत, उन्हें गणपति पूजा से भी नफरत', महाराष्ट्र के वर्धा में बोले PM मोदी
अरब सागर में तैनात दो जहाज
बता दें कि आईएनएस विक्रमादित्य और आईएनएस विक्रांत को कर्नाटक के कारवार में नौसैनिक पोर्ट आईएनएस कदंबा में होमपोर्ट किया जाएगा. गौरतलब है कि पीएम मोदी ने 2 सितंबर, 2022 को आईएनएस विक्रांत का शुभारंभ किया था. आईएनएस विक्रांत को भारतीय नौसेना के इन-हाउस युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो (WDB) द्वारा डिजाइन किया गया है. जिसका निर्माण बंदरगाह, शिपिंग और जलमार्ग मंत्रालय के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (CHL) द्वारा किया गया है.
#INSVikrant, India's indigenous aircraft carrier, joined the @IN_WesternFleet, in a significant enhancement to the maritime power and reach of the #IndianNavy’s ‘Sword Arm’. The Carrier Battle Group led by @IN_Vikramaditya inducted @IN_R11Vikrant with a multi domain exercise and… pic.twitter.com/gBdWhk6K7R
— Western Naval Command (@IN_WNC) September 20, 2024
ये भी पढ़ें: Tirupati Prasadam Row: कैसे बनता है लड्डू प्रसादम, चर्बी मिले होने से मचा हंगामा, जानिए- क्या है इतिहास?
भारतीय समुद्र में अब तक का सबसे बड़ा जहाज
बता दें कि आईएनएस विक्रांत अत्याधुनिक स्वचालन सुविधाओं से लैस जहाज है जो भारत के समुद्री इतिहास में अब तक बना सबसे बड़ा जहाज है. इस विमानवाहक पोत की लंबाई 262.5 मीटर और चौड़ाई 61.6 मीटर है. आईएनएस विक्रांत करीब 43,000 टन वजन ले जाने में सक्षम है. इसकी अधिकतम गति 28 नॉट है और इसकी क्षमता 7,500 नॉटिकल मील है. इस जहाज में लगभग 2,200 डिब्बे हैं, जो महिला अधिकारियों और नाविकों सहित लगभग 1,600 चालक दल के लिए डिज़ाइन किए गए हैं. इस जहाज को मशीनरी संचालन, जहाज नेविगेशन और उत्तरजीविता के लिए बहुत उच्च स्तर के स्वचालन के साथ डिज़ाइन किया गया है.
ये भी पढ़ें: बंगाल बाढ़ से बेहाल और झारखंड की जनता पर गुस्सा निकाल रहीं ममता बनर्जी: हिमंता बिस्वा सरमा
इस जहाज से फाइटर जेट भर सकेंगे उड़ान
आईएनएस विक्रांत जहाज को इस तरह से डिजाइन किया गया है इससे स्वदेश निर्मित एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच) और लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) के अलावा मिग-29 के फाइटर जेट, कामोव-31, एमएच-60आर मल्टी-रोल हेलीकॉप्टरों वाले 30 विमानों से युक्त एक एयर विंग को संचालित करने में सक्षम है. शॉर्ट टेक ऑफ बट अरेस्टेड रिकवरी (STOBAR) नामक एक नए विमान-ऑपरेशन मोड का उपयोग करते हुए, INS विक्रांत विमान को लॉन्च करने के लिए स्की-जंप और जहाज पर उनकी रिकवरी के लिए 'अरेस्टर वायर' के एक सेट से सुसज्जित है.