Pinaka weapon systems: भारत लगातार अपनी युद्धक क्षमताओं में इजाफा कर रहा है. इसके साथ ही वह अपने सहयोगी देशों की ताकत बढ़ाने में भी लगा है. इसी कड़ी में भारत अब आर्मेनिया की मदद भी कर रहा है. दरअसल, स्वदेशी मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर (एमबीआरएल) में बढ़ती वैश्विक रुचि के बीच, भारत ने रविवार को आर्मेनिया को अत्यधिक सक्षम पिनाका रॉकेट की आपूर्ति शुरू कर दी है.
DRDO ने किया है पिनाका रॉकेट को विकसित
बता दें कि पिनाका रॉकेट को डीआरडीओ ने विकसित किया है. डीआरडीओ द्वारा विकसित किए गए इन रॉकेट लॉन्चरों की आपूर्ति लगभग उसी समय शुरू कर दी गई थी जब भारत ने उस देश को आकाश वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली की डिलीवरी शुरू की है. रक्षा सूत्रों के मुताबिक, पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम की पहली खेप आर्मेनिया को आपूर्ति की गई है.
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80 किमी दूर से लक्ष्य को भेद सकता है पिनाका रॉकेट
पिनाका रॉकेट लांचर की अत्यधिक सक्षम की बात करें तो ये हथियार प्रणाली 80 किलोमीटर से अधिक दूरी तक मौजूद अपने लक्ष्य को भेदने में सक्षम है. बता दें कि इन हथियारों की आपूर्ति के लिए भारतीय कंपनियों और आर्मेनिया के बीच विस्तारित बातचीत के बाद लगभग दो साल पहले अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे. गौरतलब है कि भारतीय हथियारों और उपकरणों के तीन सबसे बड़े खरीदारों में आर्मेनिया, अमेरिका और फ्रांस शामिल हैं.
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इसके साथ ही दक्षिण पूर्व एशिया और यूरोप के कई देशों ने पिनाका रॉकेटों में रुचि दिखाई है, जिनके कई संस्करण हाल के दिनों में विकसित किए गए हैं और भारतीय सेना उन्हें बड़े पैमाने पर अपने बेड़े में शामिल करना चाहती है. बता दें कि डीआरडीओ ने हाल ही में गाइडेड पिनाका रॉकेट का महत्वपूर्ण परीक्षण भी किया है, जो सरकारी स्वामित्व वाली म्यूनिशन्स इंडिया लिमिटेड के साथ नागपुर स्थित सोलर इंडस्ट्रीज़ इकोनॉमिक एक्सप्लोसिव्स लिमिटेड द्वारा विकसित की गई है.
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भगवान शिव के धनुष के नाम पर रखा है नाम
बता दें कि फ्रांस ने भी इस हथियार प्रणाली के अधिग्रहण में रुचि दिखाई है. इस हथियार प्रणाली का नाम भगवान शिव के दिव्य धनुष के नाम पर रखा गया है. रॉकेट प्रणाली में फ्रांसीसी रुचि इस साल की शुरुआत में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान की उच्च स्तरीय यात्रा के दौरान दिखाई गई थी.
भारत निर्यात बाजारों के लिए स्वदेशी प्रणालियों पर जोर दे रहा है. जिसमें केंद्र 2014 के बाद से तीन गुना सफलता हासिल करने में सक्षम रहा है. विशेष रूप से, अमेरिका के बाद फ्रांस भारतीय रक्षा उपकरणों का दूसरा सबसे बड़ा आयातक बन गया है.जहां भारत से बहुत सारे इलेक्ट्रॉनिक्स सामान का निर्यात किया जाता है.