Bangladesh Crisis 2024: बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के हटने के बाद भारत में राजनीतिक हलचल बढ़ गई है. सोमवार को शेख हसीना के भारत आने के बाद मंगलवार को विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने संसद में बांग्लादेश की स्थिति पर बयान दिया. इस बयान से पहले उन्होंने ऑल पार्टी मीटिंग आयोजित की ताकि सभी दलों के बीच आम सहमति बनाई जा सके.
शेख हसीना की शॉर्ट नोटिस पर भारत यात्रा
आपको बता दें कि जयशंकर ने संसद में बताया कि शेख हसीना ने बेहद शॉर्ट नोटिस पर भारत आने की अनुमति मांगी थी और भारत सरकार ने इसे मंजूरी दी. उन्होंने बताया कि बांग्लादेश के हालात तेजी से बदल रहे हैं और भारत सरकार वहां मौजूद भारतीय समुदाय के संपर्क में है. बांग्लादेश में भारतीयों की सुरक्षा पर खास ध्यान दिया जा रहा है.
बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति
वहीं राज्यसभा में अपने संबोधन के दौरान जयशंकर ने बताया कि भारत और बांग्लादेश के बीच कई दशकों से करीबी रिश्ते रहे हैं. उन्होंने कहा कि जनवरी 2024 के चुनावों के बाद बांग्लादेश में तनाव और ध्रुवीकरण बढ़ गया, जिससे छात्रों के विरोध प्रदर्शन और हिंसा में वृद्धि हुई. जयशंकर ने कहा कि भारत ने हमेशा बांग्लादेश की विभिन्न राजनीतिक फोर्सेस से बातचीत के जरिए समाधान की अपील की है.
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अल्पसंख्यकों के हमलों पर चिंता
बता दें कि विदेश मंत्री ने बताया कि 4 अगस्त को सरकारी इमारतों और पुलिस स्टेशनों पर आक्रामक हमले हुए. उन्होंने कहा कि इस दौरान अल्पसंख्यकों के बिजनेस सेटअप और मंदिरों पर भी हमले हुए. 5 अगस्त को प्रदर्शनकारी कर्फ्यू के बाद ढाका की सड़कों पर उतर आए और हालात खराब हो गए. इसके बाद शेख हसीना ने सुरक्षा से जुड़े अधिकारियों के साथ बैठक के बाद इस्तीफा देने का फैसला लिया.
भारत की तैयारियां और प्रतिक्रिया
जयशंकर ने बताया कि बांग्लादेश के आर्मी चीफ जनरल वकार उज़ ज़मा ने 5 अगस्त को राष्ट्र के नाम संबोधन दिया और कहा कि वह देश में अंतरिम सरकार के गठन की दिशा में काम करेंगे. विदेश मंत्री ने बताया कि भारत सरकार अपने डिप्लोमेटिक मिशन के जरिए बांग्लादेश में मौजूद भारतीय समुदाय के संपर्क में है. बांग्लादेश में इस वक्त 19 हजार भारतीय रह रहे हैं, जिनमें से 9 हजार छात्र हैं। ज्यादातर छात्र पिछले महीने ही भारत वापस आ चुके हैं.
भारत की चिंता और सावधानियां
इसके अलावा विदेश मंत्री ने बांग्लादेश में रह रहे अल्पसंख्यकों की स्थिति पर चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि भारत सरकार अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और देखभाल के मद्देनजर विभिन्न समुदायों और समूहों की पहलों का स्वागत करती है. इसके बावजूद हालात के सामान्य होने तक और लॉ एंड ऑर्डर के कायम होने तक भारत की चिंता बनी रहेगी. सरकार ने सीमा बलों को खास अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं.
संसद की ओर से समर्थन की अपील
साथ ही आपको बता दें कि अंत में जयशंकर ने कहा कि भारत सरकार बांग्लादेश की स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है और ढाका में प्रशासनिक अमले के साथ संपर्क में है. उन्होंने संसद से इस संवेदनशील मुद्दे पर समझ और समर्थन की उम्मीद जताई. जयशंकर ने कहा कि भारत और बांग्लादेश के बीच के करीबी रिश्तों को बनाए रखना महत्वपूर्ण है और दोनों देशों के बीच संवाद और सहयोग जारी रहेगा.