जमीयत उलमा-ए-हिंद ने काली माता की मूर्ति खंडित करने वाले आरोपियों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की है. साथ ही संगठन ने घरों को आग लगाकर फूंकने वाले लोगों पर भी कार्रवाई की मांग की है. आगजनी मामले में गिरफ्तार आरोपियों को जमानत मिलने पर संगठन ने निराशा व्यक्त की. घटना पूर्वी राज्य त्रिपुरा की है.
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त्रिपुरा के जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मुफ्ती तैबुर रहमान ने मीडिया से बात की. उन्होंने कहा कि हमने आज पश्चिम त्रिपुरा के पुलिस अधीक्षक किरण कुमार से मुलाकात की. हमने काली माता की मूर्ति खंडित करने वाले और आठ घरों में आग लगाने वाले आसामिजक तत्वों को सख्त से सख्त सजा देने की मांग करते हुए एक ज्ञापन सौंपा है.
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रहमान ने आगे कहा कि जिन घरों को आग के हवाले किया गया है, उन लोगों को मुआवजा मिलना चाहिए. हम इसकी मांग करते हैं. हम पुलिस से जानना चाहते हैं कि जिन लोगों ने आधा दर्जन से अधिक घरों को फूंक दिया, उन लोगों को इतनी जल्दी जमानत कैसे मिली.
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यह है पूरा मामला
त्रिपुरा में 26 अगस्त को काली माता की एक मूर्ति खंडित करने का मामला सामने आया है. यहां मूर्ति के साथ तोड़फोड़ करने के बाद उपद्रवियों के एक समूह ने कम से कम आठ घरों और 13 गाड़ियों में आग लगा दी थी. टिपरा मोथा के प्रमुख किशोर माणिक्य देबबर्मा ने घटना पर चिंता जताई है. उन्होंने लोगों से कानून व्यवस्था बनाये रखने की अपील की है. सोशल मीडिया पर उन्होंने एक पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने कहा कि रानीरबाजार के काइतुरबारी इलाके में हुई घटना बहुत चिंताजनक है. मैं अपील करता हूं कि काननू का पालन करें.
त्रिपुरा में बाढ़ से हालत खराब
बता दें, त्रिपुरा में 19 अगस्त से बाढ़ का भीषण प्रकोप है. इस वजह से 1.17 लाख लोग बेघर हो चुके हैं. बाढ़ से अब तक 26 लोगों की मौत हो चुकी है. बाढ़ प्रभावित लोगों के राहत-पुनर्वास के लिए 40 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं. त्रिपुरा के मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित लोगों की हर संभव मदद करने की घोषणा की है.