जम्मू-कश्मीर को लंबे समय बाद अपना मुख्यमंत्री मिल गया है. उमर अब्दुल्ला ने प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली है. मुख्यमंत्री बनते ही उमर अब्दुल्ला ने बड़ा फैसला ले लिया. उन्होंने पुलिस वालों से कहा कि जब वे सड़क से यात्रा कर रहे हैं तो उनके लिए ग्रीन कॉरिडोर नव बनाया जाए और न ही ट्रैफिक को रोका जाए. ऐसा इसलिए कि लोगों को असुविधा न हो.
दूसरी बार मुख्यमंत्री बने उमर अब्दुल्ला ने एक्स पर कहा कि मैंने जम्मू-कश्मीर पुलिस से बात की है. मैं जब सड़क से गुजरुं तो कोई भी ग्रीन कॉरिडोर बनाने की आवश्यकता नहीं है. मैंने निर्देश दिए हैं कि लोगों को होने वाली असुविधा को कम किया जाए. सायरन का इस्तेमाल भी कम से कम किया जाएगा. उन्होंने कहा कि लाठी लहराने या फिर आक्रमक इशारे का इस्तेमाल करना पूरी तरह से टाल देना चाहिए.
उन्होंने अपने पोस्ट में आगे कहा कि मैं अपने कैबिनेट के सहयोगियों से भी यही उदाहरण पेश करने के लिए कह रहा हूं. हर चीज में हमारा आचरण लोगों के अनुकूल होना चाहिए. हम लोगों की सेवा करने के लिए हैं. उन्हें असुविधा देने के लिए नहीं.
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के साथ-साथ, आज पांच और विधायकों ने शपथ ली
- सतीश शर्मा (निर्दलीय)
- सकीना इटू (नेशनल कॉन्फ्रेंस)
- जाविद डार (नेशनल कॉन्फ्रेंस)
- सुरिंदर सिंह चौधरी (नेशनल कॉन्फ्रेंस)
- जाविद राणा (नेशनल कॉन्फ्रेंस)
बता दें, अभी चार कैबिनेट पद खाली हैं और विस्तार होने के बाद भरे जाएंगे.
कांग्रेस-एनसी को 48 सीचें
गौरतलब है कि सितंबर-अक्टूबर में हुए विधानसभा चुनावों में नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन ने 48 सीटों पर जीत हासिल की. प्रदेश में कुल 90 विधानसभा सीटें हैं. नेशनल कॉन्फ्रेंस 42 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी. कांग्रेस को छह सीटें मिलीं हैं.