(रिपोर्ट- सैय्यद आमिर हुसैन)
शिया धर्म गुरु क़ल्बे जव्वाद ने इज़राइल पर ईरान के हमले का समर्थन करते हुए कहा कि कल ईरान ने इज़राइल पर हमला नहीं किया है बल्कि डिफ़ेंस अटैक किया है जो कि उसका फ़र्ज़ है. अब जो इज़राइल हमला करेगा उसको हम अटैक कहेंगे. इज़रायल ने एक एक महीने के बच्चों को मार रहा है और उसे मीडिया आतंकवादी नहीं कह रहा. इज़राइल को सजा मिलनी चाहिए और पूरी दुनिया को मिलकर उसे सजा देनी चाहिए.
अरब देशों की चप्पी पर अरे ये क्या कह गए क़ल्बे जव्वाद
क़ल्बे जव्वाद ने कहा कि टर्की, सऊदी अरब, कुवैत जैसे देशों में अमेरिका के एयरबेस हैं और सबमें अमेरिका के दो दो लाख सैनिक हैं. यही कारण है कि ये देश इज़राइल की ज़्यादतियों पर ख़ामोश हैं. यहाँ के शहज़ादे सिर्फ़ अपनी अय्याशियों को बनाए रखने के लिए इज़राइल के ज़ुल्म को अनदेखा कर रहे हैं.
ग्रेटर इज़राइल के नक़्शे पर की चर्चा
क़ल्बे जव्वाद ने कहा कि इज़राइल की प्लानिंग मक्का मदीने पर क़ब्ज़ा करना है. उनका नक़्शा देखिए उस पर नीली लकीरें देखिए वो दो दरिया हैं यानी मिश्र और सऊदी अरब सहित पाँच देशों को वो अपने नक़्शे में दिखा रहा है. उनका ग्रेटर इज़राइल का प्लान तो देखिए. और हम चुप बैठे रहें. नील से फ़रात नदी तक का हिस्सा हमारा है ये इज़राइल कह रहा है. ये दोनों नदियाँ उसके फ़्लैग में शामिल हैं.
ईरान को बताया शेर, तुर्की धोखेबाज़, सऊदी अय्याश
जिस बुनियाद पर आप ख़ुशी मना रहे हैं उसी बुनियाद पर हम ग़म मना रहे हैं. जो देश ख़ामोश हैं वो इस्लाम के लिए ख़ामोश नहीं हैं बल्कि अपनी अय्याशी के लिए ख़ामोश हैं. तुर्की भी धोखेबाज़ है. वो बस नाटो के मेंबर बनने के लिए परेशान हैं. सिर्फ़ एक ईरान है जो शेर की तरह बोल रहा है वो हुसैन की तरह सिर कटा तो सकता है लेकिन ज़ुल्म के सामने सर नहीं झुकाएगा. बाक़ी जो शहज़ादे बनते हैं (सऊदी) वो तो ग़ुलाम हैं अमरीका के.