Kargil Special: देश कारगिल युद्ध के विजय की 25वीं वर्षगांठ मना रहा है. यह दिन भारत के वीर सपूतों को समर्पित है. दो महीने चले युद्ध में दो लाख सैनिकों ने पाकिस्तान के चंगुल से कारगिल की ऊंची चोटियों को आजाद करवाया था. हमारे सैनिकों ने पाकिस्तान के इरादों को मसल दिया था. इस युद्ध की साजिश पाकिस्तान के एक नामी शख्स ने रचा था. इस युद्ध का मास्टरमाइंड कोई और नहीं बल्कि पाकिस्तान का पूर्व सेना प्रमुख और पाकिस्तान का पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ था.
खास बात है कि युद्ध की जानकारी तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनके पूरे मंत्रिमंडल तक को नहीं थी. शरीफ ने युद्ध के बाद कहा भी था कि उन्हें इस युद्ध की जानकारी तक नहीं थी. 2018 में शरीफ ने कहा था कि मुशर्रफ ने अपनी योजनाओं की उनसे भी साझा नहीं की थी. मुशर्रफ ने प्रधानमंत्री तक को अंधेरे में रखकर भारत के साथ युद्ध छेड़ दिया था.
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अपनी किताब में क्या बोले परवेज मुशर्रफ
परवेज मुशर्रफ ने अपनी आत्मकथा ‘इन द लाइन ऑफ फायर - अ मेमॉयर’ में लिखा कि, मैंने कारगिल पर पाकिस्तानी परचम फहराने की कसम खाई थी पर शरीफ के कारण उनका सपना अधूरा रह गया. मुशर्रफ ने ही कारगिल जिले में घुसपैठ करने का आदेश दिया था. युद्ध की साजिश रचने में मुशर्रफ के साथ लेफ्टिनेंट जनरल महमूद अहमद, लेफ्टिनेंट जनरल अजीज खान और मेजर जनरल जावेद हसन भी शामिल थे.
भारत के लिए अहम है कारगिल
कारगिल युद्ध 1999 में शुरू हुआ था. यह जमीन भारत के लिए सिर्फ सामिरक रूप से ही नहीं बल्कि पर्यटन के रूप से भी अहम है. 14,086 वर्ग क्षेत्रफल में फैले कारगिल की आबादी महज सवा लाख है. 1974 में कारगिल और लद्दाख को पर्यटकों के लिए भी खोल दिया गया था. इसके बाद से बड़ी संख्या में पर्यटक यहां आने लगे. टाइगर हिल, मुश्कु घाटी, तोलोलिंग और बटालिक क्षेत्र काफी प्रसिद्ध है. पर्यटक भी इन इलाकों में सबसे अधिक आते हैं.