Advertisment

Kerala HC: ‘हर आदमी पहले भारतीय है, फिर हिंदू-मुस्लिम-ईसाई’, बाल विवाह से जुड़ी याचिका खारिज करते हुए कोर्ट की टिप्पणी

Kerala HC: केरल हाईकोर्ट ने कहा है कि भारत का हर व्यक्ति पहले भारतीय है, फिर किसी धर्म का. बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 सभी नागरिकों पर लागू होता है. जस्टिस पीवी कुन्हिकृष्णन ने एक याचिका को रद्द करते हुए यह टिप्पणी की.

author-image
Jalaj Kumar Mishra
New Update
Kerala High court

Kerala High court

Kerala HC: केरल हाईकोर्ट का कहना है कि भारत का हर एक व्यक्ति पहले भारतीय है फिर वह किसी धर्म का होता है. उन्होंने कहा कि बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 देश के प्रत्येक नागरिक पर लागू होता है. हाईकोर्ट में दायर एक याचिका को रद्द करते हुए जस्टिस पीवी कुन्हिकृष्णन ने यह टिप्पणी की. याचिकाकर्ता ने दलील दी कि वह एक मुस्लिम है और मुस्लिम होने के नाते 15 साल की लड़की की शादी करने की उसे स्वतंत्रता है. यह उसका धार्मिक अधिकार है. याचिकाकर्ता में उस लड़की के पिता भी शामिल थे.

Advertisment

जस्टिस ने की यह टिप्पणी

मामले में जस्टिस कुन्हिकृष्णन ने आदेश सुनाते हुए कहा कि हर एक व्यक्ति को पहले भारत का नागरिक होना चाहिए. नागरिकता के बाद ही उसका धर्म आता है. घर्म गौण है और नागरिकता पहले. मेरा मानना है कि व्यक्ति चाहे हिंदू हो, मुस्लिम हो, ईसाई हो या फिर पारसी अधिनियिम 2006 सब पर लागू होता है. कोर्ट ने कहा कि यह शिकायत भी एक मुस्लिम व्यक्ति ने ही किया है. 

यह थी शिकायत

Advertisment

अभियोजन पक्ष का आरोप था कि नाबालिक के पिता सहित अन्य आरोपियों ने इस्लामिक सिद्धांतों और धार्मिक रीति-रिवाज के साथ लड़की की शादी की. आरोपी एक मस्जिद समिति के अध्यक्ष और सचिव हैं. मुस्लिम व्यक्ति की शिकायत के आधार पर पुलिस ने केस दर्ज किया. 

Kerala High Court muslim marriage child marriage muslim marriage act
Advertisment
Advertisment