Farmer Protest: फसलों के न्यूनतम सर्मथन मूल्य यानी एमएसपी समेत कई मांगों लेकर किसानों का आंदोलन एक बार फिर से शुरू होने जा रहा है. हालांकि आंदोलन की शुरुआत इस बार चंडीगढ़ से हो रही है. यहां किसानों ने सेक्टर 34 के मेला मैदान में पक्का मोर्चा लगा लिया है. हालांकि पुलिस प्रशासन ने केवल चार-पांच दिनों की अनुमति ही दी है, लेकिन उनको देखकर ऐसा लगता है कि वह पूरी तैयारी के साथ आए हैं और महीनों तक यहीं डटे रहेंगे. किसान अपने साथ राशन-पानी और जरूरत का सामान लेकर धरना स्थल पर पहुंचे हैं. ऐसे में अगर किसानों का यह प्रदर्शन लंबा चलता है तो पुलिस-प्रशासन के साथ ही आम जनता की भी मुश्किलें बढ़नी तय हैं. फिलहाल पुलिस पूरी तरह से अलर्ट मोड में है. पुलिस ने किसानों को मैदान से बाहर प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दी है.
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किसानों किया आर या पार का आह्वान
वहीं, किसानों को आंदोलन को देखते हुए पुलिस-प्रशासन ने ट्रैफिक एडवायजरी भी जारी की है. ट्रैफिक एडवायजरी के अनुसार सेक्टर-34 की तरफ वाले कई रूट डायवर्ट कर दिए गए हैं. ऐसे में घर से बाहर निकलने से पहले आप ट्रैफिक एडवायजरी पढ़ लें तो अच्छा होगा. पुलिस प्रशासन ने किसानों के प्रदर्शन को कंट्रोल करने के लिए चारों तरफ बैरिकेडिंग के साथ दूसरे इंतजाम भी कर रखे हैं. मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है. रिपोर्ट के अनुसार मौके पर पुलिस के करीब 200 जवानों को तैनात किया गया है. इसके अलावा रैपिड फोर्स को भी लगाया गया है. यही नहीं पुलिस के जवान सिविल ड्रेस में भी प्रदर्शन और किसानों की गतिविधियों पर नजर रखेंगे. प्रशासन की तरफ से साफ आदेश हैं कि किसी भी तरह की गैरकानूनी गतिविधियों और कानूनों के उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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दिल्ली के तीनों बॉर्डर सील
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कोरोनाकाल और लॉकडाउन के समय में भी संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले तमाम किसान संगठनों ने बड़ा आंदोलन किया था. किसानों का यह आंदोलन डेढ साल से ज्यादा चला था. इस दौरान किसानों ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के गाजीपुर व शंभू बॉर्डर समेत तीनों बॉर्डरों की सील कर दिया था. इस दौरान रास्ते ब्लॉक होने की वजह से लोगों को लंबे समय तक भारी परेशानी का सामना करना पड़ा था.