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जानें भारत में कब होता है नए जिलों का गठन, क्या है इसके पीछे सरकार का उद्देश्य?

Formation of New District: भारत के 785 जिलों के बीच असमानताएं भौगोलिक, सांस्कृतिक और प्रशासनिक विविधताओं के कारण उत्पन्न होती हैं. नए जिलों के निर्माण से प्रशासनिक सुधार, विकास और सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान मिलता है, जैसा कि लद्दाख में हुआ.

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Ritu Sharma
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Formation of New District

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Formation of New District: भारत में 785 जिले जनसंख्या, क्षेत्रफल और जनसंख्या घनत्व के मामले में अत्यधिक असमानता दिखाते हैं. इन असमानताओं का कारण मुख्य रूप से देश की विविध भौगोलिक, सांस्कृतिक और सामाजिक संरचना है. यह स्थिति न केवल प्राकृतिक कारणों से उत्पन्न होती है, बल्कि प्रशासनिक और ऐतिहासिक कारण भी इसमें प्रमुख भूमिका निभाते हैं.

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जनसंख्या, क्षेत्रफल और घनत्व में असमानता के कारण

  1. भौगोलिक और प्राकृतिक विविधता -  आपको बता दें कि भारत की भौगोलिक विविधता में मैदानी, पहाड़ी, रेगिस्तानी और तटीय क्षेत्र शामिल हैं. जैसे कि राजस्थान में थार रेगिस्तान है, जहां जनसंख्या घनत्व कम है, जबकि उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में घनी आबादी वाले मैदानी इलाके हैं. भौगोलिक कठिनाइयों के कारण कुछ जिलों में जनसंख्या कम होती है, जबकि शहरी और मैदानी क्षेत्रों में जनसंख्या घनत्व अधिक होता है.
  2. विकास का असमान वितरण - भारत में आर्थिक और सामाजिक विकास समान रूप से नहीं हुआ है. महानगरों और औद्योगिक क्षेत्रों में रोजगार के अवसर अधिक होते हैं, जिससे लोग यहां अधिक संख्या में बसते हैं. इस वजह से कुछ जिले अत्यधिक घनी आबादी वाले होते हैं, जबकि कुछ इलाके विकास की कमी के कारण कम आबादी वाले होते हैं.
  3. इतिहास और प्रशासनिक विभाजन - भारत के जिलों का निर्माण समय-समय पर ऐतिहासिक, सामाजिक और राजनीतिक कारणों से किया गया है. उदाहरण के लिए, विभाजन के समय और स्वतंत्रता के बाद भारत में नए राज्यों और जिलों का निर्माण किया गया, जिससे असमानता बनी रही.

नए जिलों का निर्माण - गाइडलाइन्स और प्रक्रिया

वहीं आपको बता दें कि नए जिलों के निर्माण की प्रक्रिया राज्यों की सरकारों द्वारा तय की जाती है, हालांकि इसके लिए केंद्रीय स्तर पर कोई सटीक गाइडलाइन्स नहीं है. फिर भी आमतौर पर निम्नलिखित कारणों और गाइडलाइन्स को ध्यान में रखकर नए जिलों का गठन होता है. जैसे- 

  1. प्रशासनिक सुविधाएं - जनसंख्या वृद्धि और प्रशासनिक कार्यों की कुशलता को देखते हुए जब किसी जिले का क्षेत्रफल या जनसंख्या अत्यधिक बढ़ जाती है, तो उसे विभाजित कर नए जिलों का निर्माण किया जाता है ताकि लोगों को बेहतर सेवाएं मिल सकें.
  2. जनसंख्या घनत्व - जनसंख्या घनत्व अधिक होने पर प्रशासनिक कार्यभार को कम करने और स्थानीय विकास को बढ़ावा देने के लिए नए जिलों का गठन किया जाता है.
  3. सामाजिक और सांस्कृतिक संरचना - कुछ जिलों का निर्माण जातीय या सांस्कृतिक समूहों की पहचान को मजबूत करने के लिए भी किया जाता है, ताकि उनकी सामाजिक और राजनीतिक आवश्यकताओं को बेहतर तरीके से पूरा किया जा सके.
  4. सुरक्षा और भौगोलिक कारण - कुछ जिलों का गठन सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, खासकर सीमावर्ती क्षेत्रों में. जैसे कि, लद्दाख जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों में, नए जिलों का गठन रक्षा और प्रशासनिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है.

लद्दाख में 5 नए जिलों का गठन - अमित शाह

आपको बता दें कि गृहमंत्री अमित शाह ने 26 अगस्त 2024 को लद्दाख में 5 नए जिलों के गठन की घोषणा की थी. ये निर्णय लद्दाख के प्रशासनिक और विकासात्मक दृष्टिकोण से अत्यधिक महत्वपूर्ण है. नए जिलों के गठन से कई फायदे होते हैं. जैसे कि...

  1. प्रशासनिक सुधार - नए जिलों का गठन करने से प्रशासनिक प्रक्रियाएं अधिक सुव्यवस्थित होती हैं, जिससे सरकारी सेवाओं और योजनाओं का लाभ स्थानीय जनता को आसानी से मिलता है.
  2. विकास की गति - छोटे जिलों में विकास योजनाओं का क्रियान्वयन अधिक प्रभावी होता है. इसके अलावा, नए जिलों के बनने से रोजगार के अवसर बढ़ते हैं और स्थानीय स्तर पर छोटे व्यापारों का भी विस्तार होता है.
  3. सुरक्षा और सीमा प्रबंधन - लद्दाख जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों में नए जिलों के निर्माण से सुरक्षा व्यवस्थाएं अधिक सशक्त होती हैं और सीमा पर गतिविधियों पर बेहतर निगरानी रखी जा सकती है.
  4. आर्थिक विकास - नए जिलों के बनने से स्थानीय स्तर पर आधारभूत संरचना का विकास होता है. सड़कों, बिजली, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी आवश्यक सेवाएं बेहतर तरीके से पहुंचाई जा सकती हैं.

बहरहाल, भारत के 785 जिलों में असमानता उनकी भौगोलिक, सांस्कृतिक और प्रशासनिक विविधता के कारण है. नए जिलों का गठन इन असमानताओं को कम करने और प्रशासनिक सुगमता को बढ़ावा देने में मदद करता है. अमित शाह द्वारा लद्दाख में 5 नए जिलों की घोषणा राज्य के विकास और सुरक्षा के दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण कदम है, जो भारत के विकास की गति को और तेज कर सकता है.

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