Kolkata Doctor Rape Murder Case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल में पिछले महीने हुए जूनियर डॉक्टर के रेप मर्डर केस मामले की आज सुप्रीम कोर्ट फिर से सुनवाई करेगा. वहीं इस मामले में कोलकाता में जूनियर डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन अभी भी जारी है. बता दें कि कोलकाता मामले की सुप्रीम कोर्ट स्वतः संज्ञान लेकर सुनवाई कर रहा है. इससे पहले शीर्ष कोर्ट ने 9 सितंबर को इस मामले की सुनवाई की थी.
CBI सुप्रीम कोर्ट को सौंपेगी स्टेटस रिपोर्ट
बता दें कि जूनियर डॉक्टर के रेप हत्या के मामले की जांच सीबीआई कर रही है. कलकत्ता हाई कोर्ट के निर्देश पर इस मामले को कोलकाता पुलिस से केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया था. पिछले सुनवाई के दौरान एससी ने सीबीआई से पूरे मामले की नई स्टेटस रिपोर्ट मांगने का आदेश दिया था. सीबीआई इस मामले की नई स्टेटस रिपोर्ट आज यानी मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट को सौंपेगी. रेप और हत्या के अलावा, सीबीआई आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और अन्य के खिलाफ अपराध और उनकी देखरेख में अस्पताल में कथित वित्तीय अनियमितताओं के संबंध में भी जांच कर रही है.
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बता दें कि वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फोरम (डब्ल्यूबीजेडीएफ) का प्रतिनिधित्व करेंगी. एक प्रमुख जूनियर डॉक्टर और आंदोलन में एक प्रमुख व्यक्ति अनिकेत महतो ने डब्ल्यूबीजेडीएफ के वकील के रूप में इंदिरा जयसिंह की भूमिका की पुष्टि की है. बता दें कि जयसिंह को सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही की लाइव-स्ट्रीमिंग की प्रथा को आगे बढ़ाने के प्रयासों के लिए जाना जाता है, जिसे मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने मंजूरी दे दी थी. इसके अतिरिक्त, वरिष्ठ वकील करुणा नंदी और सब्यसाची चट्टोपाध्याय जूनियर डॉक्टरों के विरोध का समर्थन करने वाले वरिष्ठ डॉक्टरों के एक संघ, ज्वाइंट प्लेटफॉर्म ऑफ डॉक्टर्स, पश्चिम बंगाल का प्रतिनिधित्व करेंगे. वहीं पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल सुप्रीम कोर्ट में पेश होंगे.
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जानें सुप्रीम कोर्ट में अब तक क्या हुआ?
बता दें कि इस मामले की पिछली सुनवाई 9 सितंबर को हुई थी. इस दौरान मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों को अगले दिन (10 सितंबर) शाम 5 बजे तक अपनी ड्यूटी पर लौटने का अनुरोध किया था. शीर्ष कोर्ट ने यह सुनिश्चित करने का भी वादा किया कि राज्य सरकार उनके खिलाफ कोई प्रतिकूल कार्रवाई नहीं करेगी, लेकिन कहा कि अगर जूनियर डॉक्टर अब अपने कर्तव्यों को फिर से शुरू करने से इनकार करते हैं तो वह यह सुनिश्चित नहीं कर सकती.
वहीं पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को मानने से इनकार कर दिया. साथ ही राज्य सरकार द्वारा उनकी मांगें पूरी होने तक विरोध प्रदर्शन जारी रखने का प्रण लिया है. वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय के मुख्यालय स्वास्थ्य भवन की ओर उनके मार्च के कारण बातचीत की शर्तों को लेकर बंगाल सरकार के साथ गतिरोध पैदा हो गया. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ बातचीत की कार्यवाही का सीधा प्रसारण करने की मांग पर बातचीत तब तक रुकी रही, जब तक कि दोनों पक्ष सोमवार रात एक आम सहमति पर नहीं पहुंच गए.