Advertisment

Kolkata Rape Case में घटना से 24 घंटे पहले का Video वायरल, अभया ने ऐसे बिताए आखिरी पल

Kolkata Rape Case: एक सहकर्मी के अनुसार जब वह अस्पताल में दाखिल हुई तो ओपीडी में मरीजों की भीड़ थी और तुरंत वह बिजी हो गई. उन्होंने छह मरीजों को भर्ती किया और उन्हें चाय पीने के अलावा आराम करने का कोई समय नहीं मिला.

author-image
Mohit Sharma
New Update
Kolkata Murder Case Hindi Khabar

Kolkata Murder Case Hindi Khabar

Kolkata Rape Case: 9 अगस्त की सुबह तक अभया दर्द में चीख रही थी चिल्ला रही थी और जीने की गुहार लगा रही थी. फिर उसके सांसे थम गई. अभया तो चली गई लेकिन उसने पूरे देश को एक बार फिर से जगा दिया है, सड़कों पर उतार दिया है. याद दिला दी है महिलाएं देश में कितनी सुरक्षित हैं. समाज को आईना दिखाया है, लेकिन 8 अगस्त को वह जिंदा थी. किस हालत में थी अभया. आज हम आपको बताएंगे.

Advertisment

यह खबर भी पढ़ें- Good News: बिजली बिल भरने वालों की टेंशन खत्म! सरकार के ऐलान से जश्न का माहौल

आखिर क्या हुआ घटना वाली रात

मीडिया रिपोर्ट्स में मिली जानकारी के अनुसार 8 अगस्त का दिन अभया का कैसा था. 8 अगस्त की सुबह 31 साल की पोस्ट ग्रेजुएट रेजिडेंट डॉक्टर के लिए किसी भी आम दिन की तरह था. वह अपनी समय की पाबंदी के लिए जानी जाती थी. 8 अगस्त को भी व रोज की तरह सुबह करीब 10 बजे आरजी का मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के स्वासन चिकित्सा विभाग की ओपीडी में पहुंची. वह एक लंबी शिफ्ट के लिए तैयार थी. पहले वह कैंपस के लिए हॉस्टल में रहती थी, लेकिन पिछले 1 साल से अधिक समय से कोलकाता के बाहरी इलाके में अपने घर में रहती थी और करीब 14 किमी दूर आरजी कर अस्पताल में उसका आना जाना होता था. अस्पताल पहुंचते ही वह हमेशा की तरह बिजी हो जाती थी. उसके साथ काम करने वाले डॉक्टरों के अनुसार उस दिन भी उसका स्वभाव सेल्फ फोकस्ड था, जिसमें कुछ भी असामान्य नहीं था. सब कुछ नॉर्मल दिख रहा था.

यह खबर भी पढ़ें-  Social Media Influencer बनना अब हुआ आसान, करें यह छोटा काम और मोटी कमाई शुरू

ओपीडी में मरीजों की भीड़ थी और तुरंत वह बिजी हो गई

एक सहकर्मी के अनुसार जब वह अस्पताल में दाखिल हुई तो ओपीडी में मरीजों की भीड़ थी और तुरंत वह बिजी हो गई. उन्होंने छह मरीजों को भर्ती किया और उन्हें चाय पीने के अलावा आराम करने का कोई समय नहीं मिला. विभाग की यूनिट 2a में नियुक्ति ओपीडी में उनकी टीम में एक रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर एक सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर एक फैकल्टी मेंबर साथ ही इंटर्न और हाउस स्टाफ शामिल थे. ओपीडी बिल्डिंग के कमरा 204 दोपहर 3 बजे तक उनका वर्क स्टेशन था. उसके बाद वह वार्ड में अपनी टीम के साथ शामिल हो गई. उनकी टीम ने दोपहर का खाना मंगवाया था. चूंकि वह बेहद व्यस्त थी और देर से आई थी इसलिए टीम मेंबर्स ने उनका खाना अलग रख दिया. थर्ड ईयर के एक ट्रेनी डॉक्टर ने बताया कि वह दोपहर 3.00 बजे के बाद आई और उसने अपना खाना बगल के स्लीप रूम में खाया, जहां हम हमेशा आमतौर पर खाना खाते हैं. वह थोड़ी संकोची थी, लेकिन बहुत फोकस्ड थी. उन्होंने सीनियर फैकल्टी मेंबर और मैं शाम करीब 4:30 बजे यह कहकर चले गए कि अगर किसी मरीज की हालत खराब हो तो फोन करें, लेकिन हमें कोई फोन नहीं आया और अगली सुबह मुझे उसकी भयानक मौत के बारे में पता चला.

यह खबर भी पढ़ें-  पसर जाएगा सन्नाटा और होगा पानी ही पानी... कभी नहीं देखी होगी इतनी भयंकर बारिश, क्या है मौसम विभाग Alert?

मरीजों की देखभाल करने के लिए जल्दी से चली गई

देर से लंच के बाद वह अपनी यूनिट में मरीजों की देखभाल करने के लिए जल्दी से चली गई. इमरजेंसी बिल्डिंग की तीसरी मंजिल पर 80 बिस्तरों वाले विभाग में छह यूनिट है और यह तब तक उसका काम करने का स्थान था. जब तक कि 9 अगस्त को देर रात तक अन्य पीजी ट्रेनी डॉक्टर ने उन्हें रिलीव नहीं ही कर दिया. फर्स्ट ईयर के पीजी डॉक्टर ने कहा कि दीदी वार्ड की ओर भाग रही थी तभी मैं गलियारे में उनसे टकरा गया हमने एक दूसरे से नमस्ते किया और उन्होंने कहा कि उन्हें वार्ड में बहुत काम है. वार्ड में आने के बाद वह अपने मरीजों की पूरी लगन से जांच करती थी. उन्होंने बताया कि 16 घंटे बाद 8-9 अगस्त की दरमियानी रात करीब 2 बजे के आसपास वह आराम करने के लिए सेमिनार हॉल में गई, लेकिन वह नींद उसकी आखिरी नींद साबित हुई. उनके सहकर्मी यह सोचकर कांप उठे कि यह इतनी क्रूर घटना थी.

Advertisment

Kolkata rape and murder case Kolkata Rape Kolkata Rape Case Update Kolkata Rape Case Kolkata Rape Murder Case
Advertisment