Advertisment

Big News: न्याय की देवी का बदला स्वरूप, अब आंखों पर नहीं होगी पट्टी, CJI चंद्रचूड़ ने बताई बदलाव की वजह

Lady of Justice New Statue: सुप्रीम कोर्ट में जजों की लाइब्रेरी में न्याय की देवी की नई मूर्ति लगाई गई है. इस मूर्ति में देवी का स्वरूप बदला हुआ दिख रहा है. नई मूर्ति में न्याय की देवी की आंखों पर पट्टी बंधी हुई नहीं है.

author-image
Ajay Bhartia
New Update
Nyay ki devi and cji

Big News: न्याय की देवी का बदला स्वरूप, अब आंखों पर नहीं होगी पट्टी, CJI चंद्रचूड़ ने बताई बदलाव की वजह

Advertisment

रिपोर्ट- सुशील पांडे

Lady of Justice New Statue: सुप्रीम कोर्ट ने ‘न्याय की देवी’ यानी लेडी ऑफ जस्टिस की नई मूर्ति लगवाई है. नई मूर्ति में न्याय की देवी का स्वरूप बदला हुआ दिख रहा है. न्याय की देवी की नई मूर्ति में कई अहम बदलाव किए हैं. सबसे बड़ा चेंज है कि आंखों पर अब पट्टी नही हैं. नई मूर्ति को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवी चंद्रचूड़ ने ऑडर देकर बनवाया है. सीजेआई चंद्रचूड़ ने बताया कि न्याय की मूर्ति से आंखों की पट्टी इसलिए हटाई गई है क्योंकि कानून अंधा नहीं होता है. आइए जानते हैं कि न्याय की मूर्ति में और क्या-क्या बदलाव किए गए हैं.

ये भी पढ़ें: Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में बड़ा हादसा, जवानों से भरी बस दुर्घटनाग्रस्त, 16 जवान घायल

न्याय की मूर्ति में किए गए ये बदलाव

देश की अदालतों, वकीलों या फिर कानूनविदों के चैंबरों में दिखने वाली न्याय की मूर्ति की देवी की आंखों पर पट्टी बंधी हुई. उसके एक हाथ में तारजू और दूसरे हाथ में तलवार दिखती थी. आंखों पर बंधी पट्टी कानून के अंधा होने और तलवार सजा देने का प्रतीक रूप था. हालांकि अब ये मूर्ति इस तरह से नई दिखाई देगी. लेडी ऑफ जस्टिस की नई मूर्ति में आंखों पर से पट्टी को हटा लिया गया. वहीं, तलवार की जगह संविधान की प्रति ने ले ली है. न्याय की देवी की नई मूर्ति SC में जजों की लाइब्रेरी में लगाई गई है.

ये भी पढ़ें: अब Akasa Air को बम की धमकी, 3 दिन में 13वां है मामला, फैली इतनी दहशत कि हवाई यात्रा करने से भी बच रहे लोग!

दरअसल, हाल ही में सरकार ने अंग्रेजों के दौर के इंडियन पीनल कोड (आईपीसी), क्रिमिनल प्रोसीजर कोड सीआरपीसी और एविंडेंस एक्ट में बदलाव किए गए. इनकी जगह  भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस), और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) को लागू किया. ये तीनों क्रिमिनल लॉ देश में एक जुलाई 2024 से लागू हो गए हैं. इस कड़ी में ब्रिटिश कालीन न्याय की देवी के स्वरूप को बदला गया है. इसकी पहल सीजेआई चंद्रचूड़ ने की है. 

ये भी पढ़ें: क्या है THAAD, जिसे इजरायल में तैनात करेगा अमेरिका! Video में देखें ईरानी मिसाइलों को कैसे कर देगा ध्वस्त

न्याय की देवी की मूर्ति में बदलाव क्यों?

CJI दफ्तर से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, CJI चंद्रचूड़ का मानना है कि अंग्रेजी विरासत से अब आगे निकलना चाहिए. कानून कभी अंधा नहीं होता, वो सबको समान रूप से देखता है, इसलिए न्याय की देवी का स्वरूप बदला गया है. देवी के एक हाथ में तलवार नहीं बल्कि संविधान होना चाहिए, जिससे समाज में ये संदेश जाए कि वो संविधान के अनुसार न्याय करती है. दूसरे हाथ में तराजू सही है कि उनकी नजर में सब समान है.

ये भी पढ़ें: क्या है ऑसिफिकेशन टेस्ट, जो Baba Siddique Murder Case में अरेस्ट आरोपी का होगा, सामने आएगी ये सच्चाई

Supreme Court CJI DY Chandrachud Lady of Justice New Statue
Advertisment
Advertisment