Maharashtra: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद अब प्रदेश में सबकी नजर अगले मुख्यमंत्री पर टिकी है. लेकिन लगता है कि यहां पर सीएम की राह इतना भी आसान होने वाली नहीं है. क्योंकि पूर्व सीएम एकनाथ शिंदे की बड़ी नाराजगी सामने आई है. बताया जा रहा है कि शिंदे सीएम न बनाए जाने को लेकर नाराज चल रहे हैं. उन्होंने अपने इस्तीफे के साथ अप्रत्यक्ष तौर पर अपनी नाराजगी में जाहिर कर दी है. इस बीच एनडीए के सहयोगी दल के नेता और केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले का बड़ा बयान सामने आया है. इस बयान ने सियासी पारा हाई कर दिया है.
क्या बोल गए रामदास आठवले
केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने महाराष्ट्र का सियासी पारा हाई कर दिया है. एकनाथ शिंदे ने भले ही सीएम पद से इस्तीफा दे दिया है, लेकिन बताया जा रहा है कि अब वह मुख्यमंत्री की दौड़ में शामिल हैं. लेकिन आठवले ने उन्हें केंद्र में जाने की नसीहत दे डाली है. मीडिया से बातचीत में रामदास आठवले ने कहा है कि शिंदे को केंद्र का रुख कर लेना चाहिए. वहीं अजित पवार की एनसीपी को बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाना चाहिए.
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क्यों नाराज शिंदे
शिंदे की पार्टी के नेता भले ही यह कह रहे हों कि एकनाथ शिंदे वही करेंगे जो मोदी और शाह कहेंगे. लेकिन इस बयान के पीछे भी कई मायने छिपे हैं. दरअसल एकनाथ शिंदे अभी भी खुद को सीएम पद का दावेदार मान रहे हैं. यही वजह है कि उन्होंने इस मुद्दे पर बीजेपी के शीर्ष नेताओं से बातचीत की तैयारी कर ली है. बताया जा रहा है कि वह जल्द ही दिल्ली का रुख कर सकते हैं और पीएम मोदी और शाह से बात कर सकते हैं.
देवेंद्र फडणवीस के नाम पर मुहर
वहीं महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री के तौर पर हर दल ने देवेंद्र फडणवीस के नाम पर मुहर लगाई है. बीजेपी के शानदार प्रदर्शन के पीछे फडणवीस की मेहनत को माना जा रहा है. अजीत पवार पहले ही उन्हें सीएम के रूप में देखने की बात कह चुके हैं. जबकि रामदास आठवले की मानें तो बीजेपी आलाकमान ने भी देवेंद्र फडणवीस के नाम पर मुहर लगा दी है.
अब भी बरकरार सीएम का सस्पेंस
बता दें कि चुनाव के नतीजे आने के तीन दिन बीत चुके हैं, लेकिन अब तक सीएम पद के नाम पर सस्सपेंस बना हुआ है. इसकी बड़ी वजह एकनाथ शिंदे को ही माना जा रहा है. दरअसल बीजेपी फिलहाल महायुति में किसी तरह का टेंशन नहीं चाहती है. ऐसे में कोशिश की जा रही है कि शिंदे को भी खुश रखा जाए और बाकी स्थितियों से भी बखूबी निपटा जाए. इसके लिए किसी नए फॉर्मूले को लाने पर मंथन हो रहा है.
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