Manipur Violence: मणिपुर को लेकर केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. केंद्र सरकार ने मणिपुर के 5 जिलों को अशांत क्षेत्र घोषित किया था. इन इलाकों में अफस्पा लगाया गया है. सरकार ने ये कदम मणिपुर में लंबे समय से बनी हुई अस्थिरता की स्थिति के कारण उठाया है. केंद्र सरकार ने पांच जिलों के छह पुलिस थानों के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों को अफस्पा के तहत 'अशांत क्षेत्र' घोषित किया है.
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किन जिलों को घोषित किया अशांत
केंद्र सरकार ने मणिपुर के जिन जिलों को अशांत घोषित किया है, वो हैं-- इंफाल वेस्ट, इंफाल ईस्ट, जिरीबाम, कांगपोकपी, बिश्नुपुर. गृह मंत्रालय ने मणिपुर के इन पांच जिलों के छह पुलिस स्टेशनों में सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम, 1958 को तत्काल प्रभाव से 31 मार्च, 2025 तक बढ़ा दिया है, जब तक कि इसे पहले वापस नहीं ले लिया जाता.
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बता दें कि मणिपुर में लंबे समय से जातीय संघर्ष जारी है. ये संघर्ष मेइती, नगा और कुकी समुदायों के बीच जारी है. गैर-आदिवासी मेइती और आदिवासी कुकी-जो के बीच जातीय हिंसा पिछले साल 3 मई को पूर्वोत्तर राज्य में तब भड़की थी, जब मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च का आयोजन किया गया था.
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अब तक इस संघर्ष में 230 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं. इसके अलावा 11,133 घरों में आग लगा दी गई है, जिनमें से 4,569 घर पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं. जातीय हिंसा के सिलसिले में विभिन्न पुलिस थानों में कुल 11,892 मामले दर्ज किए गए हैं. राज्य सरकार ने 59,414 आंतरिक रूप से विस्थापित व्यक्तियों को आश्रय प्रदान करने के लिए 302 राहत शिविर स्थापित किए हैं.
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